खुदरा मुद्रास्फीति में गिरावट के कारण रिजर्व बैंक ने रीपो रेट 0.25 की कटौती की, सस्ता हो सकता है ऋण

रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति बढ़ने का जोखिम कम होने का हवाला देते हुए प्रमुख नीतिगत दर में आज 0.25 प्रतिशत की कटौती कर दी। केन्द्रीय बैंक के इस कदम से आवास, वाहन और व्यक्तिगत कर्ज की मासिक किस्त ईएमआई का बोझा कम हो सकता है।अब रेपो रेट 6.25 फीसद से घटकर 6 फीसद पर आ गई है। बता दें कि  रिवर्स रेपो 0.25 फीसद घटकर 5.75 फीसद हो गई है

रेपो रेट – जिस दर पर आरबीआई बैंकों को उधार देती है – अब यह 6% है यह अक्टूबर 2016 से बाद पहली दर कटौती है।

जानकारी के लिए बता दें कि सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। गौरतलब है कि एमपीसी की अगली बैठक 3 और 4 अक्टूबर को होगी।  आरबीआई का मानना है कि 18 से 24 महीनों में रिटेल इंफ्लेशन में एक फीसद की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।

एमपीसी के चार सदस्यों ने 25 आधार अंकों की कमी के लिए मतदान किया। रवींद्र ढोलकिया, आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर, 50 बीपीएस कटौती चाहते थे, जबकि भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक माइकल पेट्रा दरों में कमी नहीं  करना चाहते थे।

मंगलवार को, देश के सबसे बड़े ऋणदाता बैंक  – भारतीय स्टेट बैंक – बचत बैंक जमा पर ब्याज दर में 0.50 आधार अंकों की कमी  ले कर आई थे , जिससे दर में कटौती के लिए आरबीआई पर दबाव बना।

admin