क्या आप जानते हैं, कहां है ये विभाग, पढ़ें पूरी ख़बर!

    सन् २०१७ में पटना विश्व विधालय ने अपनी स्थापना के १०० वर्ष पूरे किए ! इस उपलक्ष में प्रधानमंत्री आए , तरह-तरह के वादे हुए , दिन बीता और सब कुछ भूली-बिसरी बात हो गई ! भूली-बिसरी कहना ही उचित है क्योंकि इस विश्व विधालय के समीप ही दरभंगा हाउस कही जाने वाली एक जगह है जिसमें सैप बिल्डिंग है , इसी बिल्डिंग में एक बहुत ही महत्वपूर्ण विभाग है ” इतिहास विभाग ” ,नाम से ही लगता है कि ये बिल्डिंग और इसका ये विभाग किस हद तक ख़ास है !

    पर जब आप इस स्थान पर जायेंगे तो इसे ढूंढ कर पहुँचना एक चुनौती से कम नहीं !
    वहाँ खड़े लोगों और स्टूडेंट्स किसी से भी आप पूछ लें , मजाल है कि कोई बता पाए !
    हद तो तब हो जाती है जब इस बिल्डिंग के सामने खड़ा व्यक्ति भी ये बताने में असमर्थ दिखे कि ” ये पता नहीं कहां है !”

    चलिए आप इस बिल्डिंग को ढूंढ भी लें और पहुंच भी जायें तो भी आपको मिलेगा क्या , जर्जर हो चुकी अवस्था में एक एैसी बिल्डिंग जिसके आगे लगे बोर्ड पर ज़ंग बुरी तरह से लग चुकी है और उस बोर्ड पर लिखा क्या है इसको पढ़ना किसी कलाकारी से कम नहीं !

    आगे लगी हेड लाईट टूटी हुई और रौशनी से महरूम है , भला वो क्या किसी को राह दिखाएगी !
    चलिए अब अंदर चलते हैं ! सब कुछ शांत है , एक कॉरीडोर के बाद ऊपर को जाती सीढ़ियाँ हैं , इनसे जब आप ऊपर जायेंगे तब आपको ठीक सामने एक जगह दिखेगी जो एक कमरा है , पर इसमें टूटे,घुन लग चुके टेबल-कुर्सियों की एक मायूस जमात मिलेगी जो अपने अच्छे समय के आने का इंतज़ार कर रहीं हैं !
    इसके बांई ओर एक कॉन्फ्रेंस रूम है , बिन बारिश ही जिसकी हालत बहुत बुरी है, इसे देखते ही कई लोगों को ये बात सताती है कि क्या ये हमारे यहाँ रहने तक सलामत रहेगी भी या हमें अपने साथ ही लील लेगी !
    इतिहास विभाग लम्बे समय से अवहेलना का शिकार है , ये बात यहाँ आकर खुली किताब की तरह देखी जा सकती है !
    इसके संरक्षण के लिए जल्दी ही कोई ठोस कदम उठाया जाना चाहिए !
    अगर इस विभाग का आगे भी यही हाल रहा तो कहीं इतिहास विभाग लोगों के मन मस्तिष्क में इतिहास बन कर ना रह जाए !

    रेशमा ख़ातून
    की
    रिपोर्ट.

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *