दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय कामेश्वरनगर दरभंगा के संगीत एवं नाट्य विभाग की ओर से विभाग के 35 वे स्थापना दिवस समारोह पर भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का दीप जलाकर कुलपति ल ना मि वि वि प्रोफेसर सुरेंद्र कुमार सिंह, प्रतिकुलपति डॉक्टर जय गोपाल, विकास पदाधिकारी डॉक्टर के के साहू, विभागाध्यक्ष लावण्या कीर्ति सिंह काव्या, डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने संयुक्त रुप से उद्घाटन किया। इस अवसर पर कुलपति ने कहा मिथिलांचल अपनी संस्कृति एवं विरासत के लिए जानी जाती है। उन्होंने कहा मिथिलांचल की सभ्यता संस्कृति निर्माण में और उसकी रक्षा में संगीत एवं नाट्य विभाग की भूमिका अहम होती है जिसमें विभाग लगातार लगा रहता है। कुलपति ने कहा कि हर व्यक्ति में कार्य करने की अलग अलग क्षमता होती है। आवश्यकता है उसके क्षमता का सही ढंग से उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि संगीत एवं नाट्य विभाग साधन की कमी के बावजूद लगातार विकास करता रहा है। विश्वविद्यालय विभाग में कमियों को दूर करने का प्रयास करेगी। निश्चित रुप से विभाग अगले स्थापना दिवस पर नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा। बहुत ही संतोष की बात है कि विभाग द्वारा शोध पत्रिका का प्रकाशन किया जाता है। वह भी यूजीसी के सूची में यह पत्रिका शामिल है। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय का कार्य शिक्षण के साथ शिक्षण का माहौल भी बनाना है। इसके लिए विश्वविद्यालय लगातार प्रयासरत है उन्होंने मीडिया के बारे में कहा कि मीडिया समाज के समक्ष बातों को रखती है। इस वजह से उसकी अपनी अलग भूमिका होती है। मीडिया को भी अपने इस महत्वपूर्ण स्थान को ध्यान में रखते हुए हर पहलू को समाज के सामने रखना चाहिए, ताकि समाज को वस्तु स्थिति की जानकारी मिल सके। एक पहलू को दिखाने से समाज भ्रमित हो जाता है। इस मौके पर प्रतिकुलपति प्रोफ़ेसर जय गोपाल ने कहा कि वर्ग में छात्रों के अनुपस्थिति चिंता जनक है। इस समस्या के समाधान के लिए अभिभावक को अपनी अहम भूमिका निभानी चाहिए। इस मौके पर कुलसचिव डॉक्टर मुस्तफा कमाल अंसारी, विकास पदाधिकारी डॉक्टर के के साहू, विभागाध्यक्ष डॉक्टर लावण्य कीर्ति सिंह काव्या, पूर्व विभागाध्यक्ष डॉक्टर पुष्पम नारायण, खेल पदाधिकारी डॉक्टर अजय नाथ झा, डॉ विनय कुमार चौधरी सहित विश्वविद्यालय के कई पदाधिकारी एवं कर्मी मौजूद थे।