झंझारपुर| सरकारकी महत्वाकांक्षी योजना धरातल पर विपरीत दिखाई पड़ती है। शहर के प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों की उपस्थित 40 के बदले 10-15 के आस-पास रहा करता है। आंगनबाड़ी संचालन का कोई समय निर्धारित नहीं है। कहीं भी मेनू के मुताबिक पोशाहार नहीं बनाया जाता है। कहीं-कहीं तो आंगनबाड़ी केंद्र हैं या नहीं ये भी समझ में नहीं आता है। झंझारपुर एसडीओ विमल कुमार मंडल जब लखनौर प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 11 का औचक निरीक्षण किया तो देखकर भौंचक रह गए। जब उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र के गेट पर बांस के फटकी लगा हुआ था। जिसके अंदर से बांस के फटकी होते हुए कुत्ता निकल रहा था। ये देखकर कई आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया तो अपवाद को छोड़कर सभी जगहों पर एक जैसा ही नजारा मिला। घास-पात और जंगल से भरा जगह को देखने से ही अनुमान लग जाता कि यहां केंद्र का संचालन होता ही नही है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी को लगातार जांच करने की आवश्यकता है। इस संबंध में उन्होंने सीडीपीओ स्पष्टीकरण का मांग किया है। उन्होंने कहा कि पूरे अनुमंडल में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति खराब है।