सख्त कदम: अपना साजोसामान खरीदने की तैयारी में रांची नगर निगम, शहर से एस्सेल इंफ्रा की विदाई तय

    शहर की सफाई व्यवस्था में लगी कंपनी एस्सेल इंफ्रा की राजधानी से विदाई तय हो गयी है. कंपनी काे डिबार करने के बाद उसके स्वामित्व वाले तीन वार्डों में सफाई का जिम्मा रांची नगर निगम अपने हाथ में ले चुका है. अगले चरण में पांच और वार्डों को  वापस लेने की तैयारी चल रही है. सोमवार को आयोजित निगम बोर्ड की बैठक में नगर आयुक्त शांतनु अग्रहरि ने इसके संकेत दे दिये हैं. कंपनी के एकाएक काम छोड़ने से शहर की सफाई व्यवस्था न चरमरा जाये, इसके लिए नगर आयुक्त ने हेल्थ अफसर को टाटा एस, रिक्शा और डस्टबिन खरीदने का आदेश दिया है.
    रांची : एस्सेल इंफ्रा राजधानी में रांची नगर निगम के साथ ज्वाइंट वेंचर के तहत ‘रांची एमएसडब्ल्यू’ के नाम से 21 वार्डों में सफाई व्यवस्था का काम देख रही है. निगम सभागार में सोमवार को आयोजित बोर्ड की बैठक में नगर आयुक्त शांतनु अग्रहरि ने बताया कि समझौते के तहत जितने वार्डों की सफाई का जिम्मा कंपनी को दिया गया था, उनमें प्रति 1.5 किलोमीटर में एक सफाई कर्मचारी को प्रतिनियुक्त करना था. जबकि, कंपनी ने तीन किलोमीटर के क्षेत्रफल में एक कर्मचारी को तैनात किया. इसके कारण शहर में कचरे का उठाव सही से नहीं हुआ. इसके लिए केवल और एस्सेल इंफ्रा द्वारा गठित रांची एमएसडब्ल्यू ही जिम्मेवार है.
    359 करोड़ का ठेका लेनेवाली कंपनी के पास पांच लाख की पूंजी नहीं : बैठक में शहर में सीवरेज-ड्रेनेज का ठेका लेनेवाली कंपनी ज्योति बिल्डटेक पर भी पार्षदों ने अपनी भड़ास निकाली. बारिश से पहले पाइप लाइन बिछाकर सड़क नहीं बनाये जाने पर पार्षदों ने सवाल उठाया. डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि 359 करोड़ का ठेका लेनेवाली कंपनी के पास पांच लाख रुपये नहीं हैं. ऐसे में आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कंपनी किस तरह से  शहर में काम कर रही है. श्री विजयवर्गीय ने कहा कि राजधानी में सीवरेज-ड्रेनेज का ठेका लेने के नाम पर इस कंपनी ने पूरे भारत वर्ष में काम उठा लिया. अब यह कंपनी पटना में भी काम लेने की तैयारी में है. इसलिए कंपनी को अविलंब ब्लैक लिस्टेड किया जाये. ताकि कंपनी के कारगुजारियों का संदेश सरकार तक पहुंचाया जा सके.
    पार्किंग शुल्क वसूलनेवाली एजेंसी को नोटिस जारी करेगा नगर निगम : मेन रोड में पार्किंग शुल्क वसूल रही एजेंसी के कर्मचारियों द्वारा लोगों से अभद्र व्यवहार करने के मामले पर नगर अायुक्त ने जी-नोस्टिक कंपनी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. पार्षदों ने नगर आयुक्त से आग्रह किया कि कंपनी लगातार लोगों से भयादोहन कर पैसे वसूल रही है. इसलिए कंपनी को जल्द से जल्द हटाया जाये. इस पर नगर आयुक्त ने कहा कि कंपनी को 30 जून तक कई व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का आदेश दिया गया था. उस आदेश का कहां तक पालन हुआ है, इसे एक बार देखने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जायेगी.
     
    बूटी बस्ती : एजेंसी ने पाइप लाइन बिछा दी, सड़क नहीं बनायी, अब लोगों का चलना हो रहा मुश्किल
    रांची. सीवरेज-ड्रेनेज का काम करा रही कंपनी ज्योति बिल्डटेक आये दिन नये मोहल्लों में खुदाई करा रही है, लेकिन जिन मोहल्लों में पहले खुदाई की गयी है, वहां पिचिंग का काम नहीं करा रही है. बूटी बस्ती जानेवाली सड़क का यही हाल है. डेढ़ माह पहले यहां सड़क के बीचोबीच गड्ढा कर पाइप लाइन बिछायी गयी, लेकिन सड़क की पिचिंग नहीं करने से अब इस सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है. मोहल्ले वालों की मानें, तो बारिश के कारण मिट्टी गीली हो गयी है, जिसमें वाहन फंस जा रहे हैं.
    पंचवटी नगर, आइटीआइ : पाइप लाइन बिछाने के लिए खोद दी सड़क, बारिश में हालात और बिगड़े
    रांची. आइटीआइ के पीछे पंचवटी नगर और सुंदर नगर इलाके में जानेवाले रास्ते पर सीवरेज-ड्रेनेज के लिए गड्ढे तो खोदे गये, लेकिन उसे  ठीक से भरा नहीं गया. इस वजह से  तेज बारिश में अब सड़क धंसने लगी है. इसमें गाड़ियां फंस रही हैं. इलाके के लोग परेशान हैं. बीती रात एक दोपहिया वाहन चालक इस पर गिर कर चोटिल हो गया. बारिश की वजह से सड़क पर बिछी मिट्टी के नीचे से बड़े-बड़े नुकीले पत्थर निकल आये हैं. रात में इस पर पैदल चलना भी मुश्किल है.
    बाहरी एजेंसी से ही टैक्स कलेक्शन कराने का निर्णय 
    एक ओर राजधानी में जहां बाहरी एजेंसी द्वारा होल्डिंग टैक्स वसूली के कार्य पर नगर विकास मंत्री ने रोक लगाने का अादेश दिया है. वहीं, रांची नगर निगम ने इस कार्य को बाहरी एजेंसी के माध्यम से ही कराने का निर्णय लिया है. सोमवार को निगम बोर्ड की बैठक में डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि नगर निगम अभी अपने सिस्टम से टैक्स वसूलने में सक्षम नहीं है. अगर निगम अपने स्तर से वसूली करने का प्रयास करेगा, तो इसके लिए पूरा सेट-अप बैठाने में निगम को छह माह से अधिक का समय लगेगा. इसलिए निगम बाहरी एजेंसी से ही टैक्स वसूलने का कार्य कराये. अन्यथा निगम होल्डिंग टैक्स के रूप में फूटी-कौड़ी भी नहीं वसूल पायेगा.

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