मुजफ्फरपुर :श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज(एसकेएमसी) में पीजी मेडिसिन में डिग्री एवं डिप्लोमा कोर्स के लिए केंद्रीय कोटे की निर्धारित चार सीटों में से एक पर भी एडमिशन नहीं हो पाया है। वहीं, स्टेट कोटे की 6 सीटों पर 4 छात्रों का नामांकन हुआ है। फर्स्ट काउंसलिंग के तहत नामांकन की तिथि समाप्त हो गई है। 10 सीटों पर अब तक मात्र 4 छात्रों ने दाखिला लिया है। छह सीटें रिक्त हैं। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने बीसीईसीई को स्टेट कोटे से चयनित छात्रों को दाखिला देने की अनुशंसा की है। साथ ही नामांकन लिए छात्रों को बॉन्ड पेपर भरने का निर्देश दिया गया है ताकि पीजी की पढ़ाई छोड़ने पर उन्हें जुर्माना किया जाए। जानकारी अनुसार, एसकेएमसी में पीजी मेडिसिन की दस सीटों पर दाखिला होना है। डिप्लोमा इन एनॉटोमी में एक, डिप्लोमा इन फिजियोलॉजी में दो, डिप्लोमा इन फार्माकोलॉजी में दो, डिप्लोमा इन पैथोलॉजी में दो, डिप्लोमा इन पीएसएम में एक और डिप्लोमा इन मेडिसिन में दो सीटें है। इसके तहत एनाटोमी, फार्माकोलॉजी, पीएसएम और मेडिसिन में चार सीटों पर नामांकन हुआ है। सेंट्रल कोटे की चार और स्टेट कोटे की दो सीटें रिक्त हैं। प्राचार्य डॉ. विकास कुमार ने बताया कि केंद्रीय कोटे की रिक्त सीटों पर स्टेट कोटे से दाखिला लिया जाएगा।
इधर, बवाल प्रकरण में सौंपी रिपोर्ट उपद्रवियों को बचाने का प्रयास |
मुजफ्फरपुर | एसकेएमसीएचमें 21 अप्रैल को हुए बवाल मामले में गठित 7 सदस्यीय टीम ने प्राचार्य डॉ. विकास कुमार को रिपोर्ट सौंप दी है। इसमें उपद्रवियों को बचाने का प्रयास किया गया है। रिपोर्ट में एसकेएमसीएच के सीसीटीवी कैमरे को बेकार बताते हुए कहा गया है कि इससे किसी की पहचान नहीं हो पा रही है। हालांकि, प्राचार्य इसका खुलासा करने से मुकर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जांच कमेटी से बात की जाएगी। इधर, ग्रामीणों ने पूरे प्रकरण को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है। गौरतलब है कि 21 अप्रैल को एसकेएमसीएच में मेडिकल छात्र और एंबुलेंस चालकों में जमकर मारपीट हुई थी। 4 निजी एंबुलेंस फूंक दिए गए थे। छात्रों के बवाल से आक्रोशित ग्रामीणों ने भी परिसर में घुसकर सरकारी एंबुलेंस चिकित्सकों के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था।