दरभंगा : नगर थाना क्षेत्र के प्रोफेसर कॉलोनी में जमीन रजिस्ट्री के नाम पर 17 लाख रुपये ठगी करने वाले को दरभंगा पुलिस गिरफ्तार करने में नाकाम है। जबकि, आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए वरीय पुलिस अधिकारी आदेश तक दे चुके हैं। बावजूद, ठोस कदम अवि तक नहीं जा रहा है। पीड़ित आए दिन वरीय पदाधिकारियों के दफतर के चक्कर काटने को विवश हैं। मालूम हो कि केस कांड संख्या 48-2017 के पर्यवेक्षण में एएसपी दिलनवाज अहमद ने पीड़ित के आरोप को पाया है। पदाधिकारी को उन्होंने आरोपी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। इस मामले में प्रोफेसर कॉलोनी निवासी रमेशनंद झा, उनकी पत्नी मधुराक्षी देवी, अधिवक्ता सीताराम चौधरी व रामोदार चौधरी पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप है। बताया जाता है कि बहेड़ा थाना क्षेत्र के बलहा गांव निवासी संतोष कुमार झा ने प्रोफेसर कॉलोनी में एक कठ्ठा भूमि खरीदने के लिए बतौर एडवांस 17 लाख रुपये चेक व आरटीजीएस के माध्यम से दिए थे। रजिस्ट्री के समय शेष राशि आठ लाख रुपये देने की बात तय थी। इससे पहले भूमि का सारा दस्तावेज उपलब्ध कराने की बात कही गई। लेकिन, प्रोफेसर कॉलोनी निवासी रमेशानंद झा ने न तो भूमि का रसीद उपलब्ध कराया और न ही भूमि रजिस्ट्री की। जब खरीदार ने भूमि की सचाई जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि यह भूमि गोशाला के अधीन की है। मालिकाना हक को लेकर प्रोफेसर कॉलोनी निवासी प्रो. रामाउदार चौधरी व गौशाला के बीच लंबे दिनों से चल रहे केस न्यायालय में लंबित है। 17 कठ्ठे के भूखंड में प्रो. रामाउदार चौधरी ने मोहल्ला के ही रमेशानंद झा को दस कठ्ठा भूमि एग्रीमेंट किया है। इसी आधार पर वे ग्राहक को खोजकर भूमि बेच रहे हैं। शिकायत कर्ता ने बताया कि जब भूमि की रसीद देने को कहा गया तो अधिवक्ता सीताराम चौधरी ने भूमि को एक नंबर बताकर एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध करा देने की बात कही। एक वर्ष के बाद भी रसीद नहीं दी। रूपये वापसी की बात पर वह बार-बार ठगने का काम किया। रमेशानंद झा ने आईडीबीआई बैंक का छह लाख रुपये का चेक देकर बैंक से स्टॉप पेमेंट करा दिया। बाद में उनकी पत्नी मधुराक्षी देवी ने 15 फरवरी 2017 को 2 लाख 88 हजार रुपये का चेक दिया। उसमें भी उसने उसने यही काम किया। हो हल्ला करने पर फिर से 2 लाख 70 हजार रुपये का चेक दिया। लेकिन, उसके खाता में रुपये नहीं था, नतिजा चेक बॉउंस कर गया।