मीनापुर, बोचहां और गायघाट की 30 पंचायतों में घुसा पानी

मुजफ्फरपुर/मीनापुर/बोचहां /गायघाट :मीनापुरप्रखंड के खरार घाट से बागमती की पुरानी धारा के रास्ते बूढ़ी गंडक का पानी मीनापुर, बोचहां और गायघाट प्रखंडों की 30 से अधिक पंचायतों में तेजी से फैल रहा है। बोचहां और गायघाट प्रखंड के ये सारे इलाके नए हैं, जहां बाढ़ फैल रही है। इन इलाकों में 2004 के बाढ़ आई है। लोगों में और भी दहशत है। बागमती की पुरानी धारा के कारण तीनों प्रखंड की पंचायतों में भीषण क्षति हो रही है। ग्रामीण विस्थापित हो रहे हैं और फसलें डूब गई हैं।




बूढ़ी गंडक और बागमती की पुरानी धारा के मिलन स्थल खरार घाट से फुलवरिया, धर्मपुर, मकसूदपुर, सनाठीघाट के रास्ते बूढ़ी गंडक का पानी लगातार नए क्षेत्रों में फैलता जा रहा है। यह पानी शहर से सटे झपहां सीआरपीएफ कैंप के पीछे के क्षेत्रों के साथ झपहां मन में गिर रहा है। इससे पहले पानी मीनापुर प्रखंड की आधा दर्जन पंचायतों में अधिकतर घरों की छप्परों तक पहुंच गया है। खरार गांव के रंजीत कुमार, नथुनी राम और फुलवरिया के दिनेश कुमार ने बताया कि मीनापुर, खरार, रघई, डुमरिया और धर्मपुर पंचायत की स्थिति सबसे खराब है। इन पंचायतों के अधिकतर घरों में पानी प्रवेश कर जाने से लोग बांध और अन्य ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को विवश हो गए हैं।
बागमती की पुरानी धारा के रास्ते बूढ़ी गंडक का पानी मीनापुर के नंदना, रानी खैरा, पैगंबरपुर, चतुर्सी, टेंगरारी, घोसौत, हरसेर, हरका मनसाही और लच्छी बलाही पंचायतों के गांवों के घरों में पानी प्रवेश कर गया है। इन गांवों से भी लोग परिवार और मवेशियों के साथ ऊंचे स्थानों पर पलायन कर रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों के परिवारों के समक्ष भूखों मरने की स्थिति है। फुलवरिया के कपिलदेव प्रसाद ने बताया कि गांव में और पुल पर रह रहे लोग बाढ़ का ही पानी पीने को मजबूर हैं। बीमार लोगों के साथ प्रसूताओं को अस्पताल ले जाने की कोई व्यवस्था नहीं है। एनएच-77 के किनारे बसे मीनापुर प्रखंड के धर्मपुर और मकसूदपुर पंचायत की स्थिति भी काफी खराब है। धर्मपुर पंचायत के रामविलास सहनी ने पंचायत में पानी की सबसे विकट समस्या होने की बात कही। यह पानी बोचहां प्रखंड के सनाठी घाट के रास्ते बहलोलपुर पुल होते हुए गायघाट प्रखंड में तबाही मचा रहा है।

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