‘शहर के सूखे नाले पीछे की नहर से पानी निकासी का हो रहा उपाय’

मुजफ्फरपुर: रजवाड़ा के टूटे तटबंध से शहरी क्षेत्र समेत पूर्वी हिस्से के मुशहरी, मुरौल प्रखंड में बाढ़ की स्थिति लगातार गंभीर हो रही है। गुरुवार को डीएम धर्मेंद्र सिंह ने जिले के प्रभारी सचिव दीपक कुमार के साथ मुशहरी प्रखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया। डीएम ने शहर के सूखे नाले तिरहुत नहर से बूढ़ी गंडक के पानी को निकालने का उपाय किए जाने की बात कही। डीएम ने शहर के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए शहरी क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को रखने भोजन की व्यवस्था के लिए राहत कैंपों को शुरू किए जाने की बात कही। प्रभारी सचिव ने युद्ध स्तर पर राहत-बचाव कार्य चलाने के निर्देश दिए।




डीएम ने कहा कि शहरी क्षेत्र में बनाए जाने वाले राहत शिविरों में रहने एवं भोजन के साथ इन केंन्द्रों के समीप स्वास्थ्य शिविर की व्यवस्था भी रहेगी। इसके साथ ही अखाड़ाघाट, सिकन्दरपुर कुंडल, संगमघाट एवं सैयद कालोनी के लिए चलंत चिकित्सा दल की व्यवस्था की गई है। जो लोग पानी के अंदर रह रहे हैं तथा बाहर निकलने को तैयार नहीं है उन्हें मोटरबोट नाव की सहायता से भोजन तथा पानी पहुंचाया जाएगा। इसके अलावा रेडक्रॉस के माध्यम से स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा उपलब्ध कराई गई राहत सामग्री का वितरण करवाया जा रहा है। जिले के 12 प्रखंडों की 60 पंचायतें पूरी तरह तथा 41 पंचायतें आंशिक रूप से बाढ़ प्रभावित हैं। इनमें 411 गांव की 874900 आबादी 39650 पशु बाढ़ प्रभावित हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के जवान मोटरबोट से लगातार सुरक्षित स्थलों पर निकाल रहे हैं। कटरा, मीनापुर, बोचहां, बन्दरा मुशहरी प्रखंड में विशेष रूप से राहत सामग्री का वितरण करवाया जा रहा है।

admin