मोदी ने प्रणब को लिखा मार्मिक खत – कहा आप हमेशा पितातुल्य रहे

नई दिल्ली:पूर्व राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन मिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पत्र ट्विटर पर शेयर किया। मोदी ने लिखा, मेरे लिए आप हमेशा पिता तुल्‍य मार्गदर्शक रहे।’ इससे अभिभूत प्रणब ने लिखा कि पत्र ने उनका मन छू लिया। मोदी ने 24 जुलाई को लिखे पत्र में कहा, alt147राष्‍ट्रपति जी, आपके प्रधानमंत्री के तौर पर काम करना मेरे लिए सम्‍मान की बात रही। तीन साल पहले मैं बाहरी व्‍यक्ति के तौर पर दिल्‍ली आया था। मेरे सामने कई चुनौतियां थीं। आप हमेशा मेरे लिए पितातुल्‍य मार्गदर्शक रहे। आपके मार्गदर्शन और स्‍नेह ने मुझे आत्‍मविश्‍वास और शक्ति दी।’ मोदी ने लिखा कि प्रणब ज्ञान का भंडार हैं। नीति से राजनीति, आर्थिक मामले से विदेशी मामले, सुरक्षा के विषयों से राष्‍ट्रीय और वैश्विक महत्‍व के विषयों सहित विभिन्‍न मामलों पर उनकी विद्वता से वह हमेशा आश्चर्यचकित होते रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति के तौर पर उनके आखिरी दिन लिखे एक भावुक पत्र में कहा, ‘प्रणब दा, आप हमेशा मेरे लिए पिता समान और मार्गदर्शक रहे हैं.’ अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं वाले दो नेताओं के बीच जुड़ाव को बताने वाला यह पत्र पूर्व राष्ट्रपति ने टि्वटर पर साझा किया.

मुखर्जी ने एक ट्वीट कर कहा, ‘राष्ट्रपति के तौर पर कार्यालय में मेरे आखिरी दिन मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक पत्र मिला जिसने मेरा दिल छू लिया. आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं.’

मोदी ने कहा कि मेरे सामने विशाल और चुनौतीपूर्ण काम थे। इस दौर में आपने हमेशा मेरे लिए एक पितातुल्‍य मार्गदर्शक का काम किया है। आपकी बुद्धिमत्‍ता, आपके मार्गदर्शन और व्‍यक्तिगत स्‍नेह ने मुझमें आत्‍मविश्‍वास और शक्ति प्रदान की है।

पीेम मोदी ने कहा कि ये सब जानते हैं कि आप ज्ञान के भंडार हैं। नीति से राजनीति, आर्थिक मामले से विदेशी मामले, सुरक्षा के विषयों से राष्‍ट्रीय और वैश्विक महत्‍व के विषयों सहित विभिन्‍न मामलों पर आपकी विद्वता से मैं हमेशा आश्‍चर्यचकित होता रहा हूं। आपके बौद्धिक कौशल ने निरन्‍तर मेरी सरकार और मेरी हमेशा मदद की है।

पीएम मोदी ने आगे लिखा कि हमेशा आप मेरे लिए अत्‍यन्‍त स्‍नेही और ध्‍यान रखने वाले व्‍यक्ति रहे हैं। दिनभर चलने वाली बैठकों या प्रचार अभियान यात्रा के बाद आपका ऐसा एक फोन कॉल मुझमें ताजगी और ऊर्जा भर देने के लिए पर्याप्‍त होता था। फोन पर आप मुझे कहते थे, मैं आशा करता हूं कि आप अपने स्‍वास्‍थ्‍य का ध्‍यान रख रहे हैं।

मोदी ने आगे लिखा है कि प्रणब दा हमारी राजनीतिक यात्राओं ने अलग-अलग दलों में आकार लिए। मोदी ने लिखा है कि समय-समय पर हमारी विचारधाराएं भिन्‍न रही हैं। हमारे अनुभव भी अलग-अलग हैं। मेरा प्रशासनिक अनुभव मेरे राज्‍य से था, जबकि आपने दशकों तक राष्‍ट्रीय नीति और राजनीति को देखा है। इसके बावजूद, आपकी बौद्धिकता और बुद्धिमत्‍ता में ऐसी ताकत है कि हम तालमेल के साथ मिलकर काम करने में समर्थ थे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने खत में आगे लिखते हैं कि अपनी राजनीतिक यात्रा और राष्‍ट्रपति काल के दौरान, आपने राष्‍ट्र की खुशहाली को अन्य सभी चीजों से ऊपर रखा। आपने उन पहलों और कार्यक्रमों के लिए राष्‍ट्रपति भवन के दरवाजे खोल दिए, जो नए खोजों और भारत के युवाओं की प्रतिभा के लिए काफी महत्‍वपूर्ण थे।

मोदी ने कहा, ‘आप नेताओं की उस पीढ़ी से ताल्लुक रखते हैं जिनके लिए राजनीति का मतलब बिना किसी स्वार्थ के समाज की सेवा करना है. आप भारत के लोगों के लिए प्रेरणा के बड़े स्रोत हैं. भारत को हमेशा आप पर गर्व रहेगा. आपकी विरासत हमारा मार्गदर्शन करती रहेगी.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि वह और अन्य सभी लोग हर किसी को साथ लेकर चलने की मुखजी की दूरदृष्टि से ताकत लेते रहेंगे. मोदी ने कहा, ‘राष्ट्रपति जी, आपके प्रधानमंत्री के तौर पर आपके साथ काम करना गर्व की बात रही.’

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