LIVE: नीतीश का CM पद से इस्तीफा, PM मोदी ने सराहा, BJP ने दिया समर्थन, लालू हुए हमलावर

नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. बुधवार शाम राज्यपाल से मिलकर उन्होंने इस्तीफा सौंप दिया. इसी के साथ ही 20 महीने से चल रही महागठबंधन (जेडीयू-कांग्रेस-आरजेडी) की सरकार का अंत हो गया.

इस बीच बीजेपी ने नीतीश कुमार को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने फैसला किया है कि वो नीतीश को एनडीए का नेता चुनने के लिए तैयार हैं. सुशील मोदी ने कहा कि उन्हें नीतीश कुमार पर पूरा भरोसा है. सुशील मोदी ने ये भी कहा है कि बीजेपी सरकार में शामिल होगी. गुरुवार को जेपी नड्डा और बीजेपी महासचिव अनिल जैन बिहार में पर्यवेक्षक के तौर पर जाएंगे. गुरुवार को बैठक में बीजेपी विधायक दल का नेता चुना जाएगा.

लालू ने नीतीश पर लगाए संगीन आरोप

वहीं नीतीश के इस कदम के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव भी मीडिया के सामने आए और नीतीश कुमार पर कई संगीन आरोप लगाए. लालू यादव ने नीतीश कुमार पर विभिन्न धाराओं के तहत लगे आरोपों की फेहरिस्त बताई. आरजेडी सुप्रीमो ने कहा, नीतीश कुमार के खिलाफ मर्डर केस दर्ज है, जिसमें उन्हें उम्र कैद की सजा भी हो सकती है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने खुद चुनावी हलफनामे में 302 और 307 की धारा के तहत केस की बात स्वीकारी थी. नीतीश को पता था कि वे बचेंगे नहीं, वह उम्रकैद और फांसी की सजा से डर गए, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया.

इसके साथ ही उन्होंने कहा, नीतीश ने कहा था मिट्टी में मिल जाएंगे, लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे. नीतीश और मोदी में सेटिंग है. BJP से समर्थन पर नीतीश ने ना नहीं कहा.

‘आरजेडी, जेडीयू कांग्रेस मिलकर चुने नया नेता’

वहीं लालू यादव ने साथ ही कहा कि महागठबंधन अकेले नीतीश कुमार का फैसला नहीं था. उन्होंने कहा, हम बिहार में राष्ट्रपति शासन नहीं चाहते. आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस मिलकर नया नेता चुने. ना तेजस्वी, ना नीतीश कोई तीसरा राज्य का मुख्यमंत्री बने.

वहीं तेजस्वी यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर जेडीयू की तरफ से सार्वजनिक सफाई मांगे जाने के सवाल पर आरजेडी सुप्रीमो ने कहा, जेडीयू कोई थाना नहीं और जेडीयू के प्रवक्ता सीबीआई नहीं हैं. हमने संबंधित जांच एजेंसी को सफाई देने की बात कही थी.

बता दें कि पिछले 15 दिन से बिहार में सियासी खींचतान चल रही थी. लालू यादव के बेटे और बिहार में डिप्टी सीएम तेजस्वी पर करप्शन के आरोपों के चलते विवाद चल रहा था.

इस्तीफे के बाद बोले नीतीश

इस्तीफा देने के बाद नीतीश ने कहा- मैंने महामहिम से मुलाकात कर इस्तीफा सौंप दिया है. हमसे जितना हुआ उतना गठबंधन का धर्म निभाया. जनता के हित में काम किया. लगातार बिहार के लिए काम करने की कोशिश की. जो माहौल था, उसमें काम करना मुश्किल था. हमने तेजस्वी से इस्तीफा नहीं मांगा, लेकिन लालू और तेजस्वी से यही कहा कि जो भी आरोप लगे हैं, उसे साफ करें. स्पष्टीकरण करना बहुत जरूरी है, लेकिन वो भी नहीं हो पा रहा है. तेजस्वी पर आरोपों से गलत धारणा बन रही है. बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष से हमने कहा कि कुछ तो ऐसा करिए जिससे रास्ता निकले, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा था. अंतरात्मा की आवाज के बाद दिया इस्तीफा.

पीएम मोदी ने दी नीतीश को बधाई

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महागठबंधन से अलग होने पर नीतीश कुमार को बधाई दी. पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जुड़ने के लिए नीतीश कुमार जी को बहुत-बहुत बधाई. सवा सौ करोड़ नागरिक ईमानदारी का स्वागत और समर्थन कर रहे हैं. देश के, विशेष रूप से बिहार के उज्जवल भविष्य के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक होकर लड़ना, आज देश और समय की मांग है. वहीं वरिष्ठ बीजेपी नेता जेपी नड्डा ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि बीजेपी बिहार में मध्यावधि चुनाव नहीं चाहती. इसलिए भविष्य की संभवनाओं पर चर्चा के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठित की है. नीतीश बोले कि इस्तीफे से पहले लालू को बता दिया था. राज्यपाल ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. तेजस्वी अगर इस्तीफा देते तो ऊंचाई पर जाते.

पीएम मोदी के ट्वीट पर नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए उन्हें धन्यवाद कहा है.

नीतीश ने क्यों दिया इस्तीफा?

दरअसल, बुधवार सुबह लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी ने साफ कर दिया था कि नीतीश कुमार ने उनसे इस्तीफा नहीं मांगा है. जिसके बाद नीतीश ने खुद ही इस्तीफा दे दिया.

केसी त्यागी ने कहा- नीतीश की नीति साफ

जेडीयू के वरिष्ठ नेता और सांसद के.सी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार की नीति भ्रष्टाचार को लेकर बिल्कुल साफ है. अतीत में भी नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के मामलों में इस्तीफे लेने का काम किया है.

28 जुलाई को होनी थी बैठक

गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने ये पार्टी विधायकों और नेताओं की ये बैठक 28 जुलाई को बुलाई थी. मगर, आरजेडी का रुख देखते हुए नीतीश ने बुधवार शाम को ही बैठक बुला ली. इससे पहले 11 जुलाई को भी नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर जेडीयू की बैठक बुलाई गई थी. उस बैठक में इस बात की मांग उठी थी कि तेजस्वी यादव, जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं, उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.

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