muzaffarpur:डिप्टी मेयर ने कहा-घोटाले उजागर करने से बौखलाए नगर आयुक्त, लगाया झूठा आरोप

नगरआयुक्त द्वारा वार्ड पार्षदों पर दर्ज एफआईआर मामले में डिप्टी मेयर मान मर्दन शुक्ला ने रविवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि नगर निगम में घोटालों को उजागर करने और आवाज बुलंद करने के कारण नगर आयुक्त बौखलाहट में हैं। इसी कारण झूठे आरोप लगाकर वार्ड पार्षदों पर एफआईआर दर्ज कराई है। उन वार्ड पार्षदों को नामजद किया गया है, जो सबमर्सिबल पंप योजना में घोटाले की जांच के लिए डीएम से दो दिन पहले मिले थे। अनुसूचित जाति को मिलने वाली कानूनी सुविधा का नगर आयुक्त ने गलत प्रयोग किया है। पुलिस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के बाद ही कोई कार्रवाई करे। इस दौरान पार्षद संजय केजरीवाल ने कहा कि बोर्ड की बैठक स्थगित हो गई थी। इसलिए कार्यवाही रजिस्टर पर इसे लिखवाना जरूरी था। अन्यथा पूर्व की भांति बैठक को सफल बताकर रजिस्टर में प्रस्ताव पारित होने की बात लिख दी जाती। रजिस्टर पर 49 वार्ड पार्षदों का हस्ताक्षर हो चुका था।
सुपरशकर मशीन की खरीद में भी 1.42 करोड़ अधिक का भुगतान
डिप्टीमेयर ने कहा कि नगर आयुक्त ने 2.63 करोड़ रुपए में सुपर शकर मशीन की खरीदारी की है। जबकि, यही मशीन बिहारशरीफ नगर निगम ने 1.21 करोड़ में खरीदी। मुजफ्फरपुर नगर निगम ने उस एजेंसी से मशीन को खरीदा जिसे पूर्व में ही काली सूची में डालने के लिए नोटिस जारी किया गया था।
इस तरह मशीन खरीद में 1.42 करोड़ रुपए अधिक भुगतान दिखा कर घोटाला किया गया है। उनके साथ वार्ड पार्षद राजीव कुमार पंकू ने प्रधान सचिव से मिलकर शिकायत की थी। इसी तरह जिस सबमर्सिबल पंप लगाने में मुश्किल से तीन लाख खर्च आते हैं। उसके लिए सात लाख रुपए का एस्टीमेट बनाया गया है। इस योजना में प्रत्येक पंप पर चार लाख रुपए का गबन हुआ। इन दोनों घोटालों में नगर आयुक्त पूरी तरह घिर चुके हैं। इसलिए वार्ड पार्षदों पर बदले की भावना में गलत आरोप लगा कर मिठनपुरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई।

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