जानिए कैसे पत्रकार के रॉल ने शशि कपूर को दिलवाई थी नेशनल अवार्ड… आगे पढ़ें…

ये शशि कपूर जैसे बड़े एक्टर के साथ नाइंसाफी ही कही जाएगी कि अपने 36 साल के करियर में 85 से भी ज्यादा फिल्में करने के बावजूद उन्हें एक्टिंग के लिए कोई नेशनल अवॉर्ड नहीं मिला था। न्यू देल्ही टाइम्स, ये नाम है उस फिल्म का जिसने शशि कपूर को उनको पहला नेशनल अवॉर्ड दिलवाया। इस फिल्म में शशि कपूर का बड़ा ही सीरियस रोल था, एक अखबार के सम्पादक बने थे शशि कपूर। बीच शूटिंग में बीवी की मौत, दो-दो कोर्ट केस और बेहद ही कम बजट। शशि कपूर के लिए इस फिल्म में काम करना कोई आसान काम नहीं था, अलग-अलग वजहों से सालों लटकी रही ये फिल्म। लेकिन जब रिलीज हुई तो नेशनल अवॉर्ड के रूप में उनकी मेहनत वसूल हो गई। इस फिल्म को तीन-तीन नेशनल अवॉर्ड मिले थे।

आज के दौर में ये जानना काफी दिलचस्प होगा कि 1986 में रिलीज हुई इस फिल्म का बजट महज 35 लाख था और शशि कपूर ने एक पॉलटिकल थ्रिलर में काम करने की चाहत में केवल एक लाख रुपए में इसमें काम करना स्वीकार कर लिया गया था, बाद में फिल्म में पांच परसेंट का शेयर भी मांगा था, जो शायद मिला नहीं। फिल्म मुश्किलों से भरी थी, बीच शूटिंग में उनकी बीवी जेनिफर की मौत हो गई। कई महीनों तक उनके इलाज के लिए शशि कपूर को उनके लिए लंदन में रहना पड़ा, तब तक फिल्म अटकी रही।




शुरुआत में पहले फिल्म दिल्ली में शूट हो रही थी, लेकिन फिर दिल्ली से लोकेशन मुंबई में शिफ्ट करनी पड़ी। दरअसल इंदिरा गांधी की मौत के बाद दिल्ली में सिख दंगों ने कहर ढा दिया था, दंगों के चक्कर में फिल्म लेट भी हो गई थी और मुंबई भी शिफ्ट करनी पड़ गई। इतना ही नहीं फिल्म की रिलीज से पहले ही उस पर दो कोर्ट केस लाद दिए गए। एक केस फिल्म के उस डायलॉग को लेकर किया गया जिसमें शशि कपूर अपनी लॉयर बीवी शर्मिला टैगोर से कहते हैं कि सारे लॉयर लायर(झूठे) होते हैं। दूसरा केस इस बात पर किया गया कि इस फिल्म में एक नेता को दंगे भड़काते दिखाया गया था। किसी नेता के समर्थक ने ये केस कर दिया था।

 

इन्हीं केसों के चलते ही आखिरी मिनट पर फिल्म को दूरदर्शन ने भी रिलीज करने से मना कर दिया था। इधर जैसे तैसे फिल्म रिलीज हुई तो फिल्म पायरेसी माफिया के चंगुल में फंस गई, हालांकि इसके चलते फिल्म को चर्चा जरूर मिल गई। ये अलग बात है कि ना तो शशि ने कुछ कमाया और ना निर्माता ने, लेकिन शशि कपूर ने कमाया तो बस अपना पहला नेशनल फिल्म अवॉर्ड.

यह फ़िल्म पत्रकारों के लिए मिशाल है..