गाजियाबाद निकला देश का सबसे ‘गंदा’ शहर

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानि (सीपीसीबी) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें गाजियाबाद को प्रदूषण के मामले में देश भर में पहला स्थान दिया गया है. मगर आखिर क्यों गाजियाबाद में इतना प्रदूषण है, आखिर क्या कारण है जिसके चलते गाजियाबाद देश भर में प्रदूषण के मामले में नं. 1 बन गया.

गाजियाबाद, एक ऐसा शहर जो आमतौर पर इंडस्ट्री के लिए जाना जाता है. ऊंची-ऊंची इमारतें यहां की पहचान बनती जा रही हैं. गाजियाबाद दिन प्रतिदिन तरक्की के नए मुकाम पर पहुंच रहा है. मगर इस कामयाबी के साथ-साथ गाजियाबाद ने प्रदूषण के मामले में भी देश भर में अपनी नाकामयाबी साबित कर दी है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पिछले तीन वर्षों की सतत निगरानी के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट के अनुसार देश के 94 शहरों में पीएम 10 तेजी से बढ़ रहा है. हैरत की बात तो यह कि इन शहरों में उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद नंबर वन पर है, वहीं देश की राजधानी दिल्ली चौथे नंबर पर. सबसे खास बात यह है कि टॉप टेन प्रदूषित शहरों में सात उत्तर प्रदेश के हैं.

ये हैं पीएम 10 की दृष्टि से सर्वाधिक प्रदूषित 10 शहर

– गाजियाबाद

– इलाहाबाद

– बरेली

– दिल्ली

– कानपुर

– फिरोजाबाद

– आगरा

– अलवर

– गजरौला

– जयपुर

क्या है वजह

पीएम 10 का इंडेक्स वाहनों से निकलने वाले धुएं से सबसे ज्यादा बढ़ता है. इसके अलावा भवन निर्माण से उड़ने वाली धूल, सड़क पर वाहनों के चलने से उड़ने वाली धूल और रेगिस्तानी इलाकों से उड़ने वाली हवा में शामिल धूल कण भी इसके प्रमुख कारण होते हैं. मगर आपको बताते हैं कि गाजियाबाद के सबसे ज्यादा प्रदूषित होने के क्या कारण हैं.

– गाजियाबाद के सबसे ज्यादा प्रदूषित होने का सबसे बड़ा कारण यहां का इंडस्ट्रियल इलाका है.

– गाजियाबाद में हजारों फैक्ट्रियां हैं जिसमें से लगातार धुआं निकलता रहता है.

– खास करके चिमनियों से निकलने वाला धुआं प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है.

ये तो हुई इंडस्ट्रियल इलाके की बात और फैक्ट्रियों की बात मगर PM-10 के बढ़ने का सबसे बड़ा कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं है. गाजियाबाद एक ऐसा शहर है जहां से कई राज्यों के रास्ते निकलते हैं. गाजियाबाद से होते हुए तीन नेशनल हाईवे निकलते हैं…

– नेशनल हाईवे- 24

– नेशनल हाईवे- 58

– नेशनल हाईवे- 92

इन हाईवे से होते हुए उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, और ओडिशा जैसे राज्यों में जाने की लिए गाजियाबाद से ही होकर गुजरना पड़ता है. यानि मतलब साफ है. गाजियाबाद में प्रदूषण बढ़ने का सबसे सबसे बड़ा कारण यहां से लगातार गुजरने वाली गाड़ियां हैं. अगर दिल्ली की बात करें तो दिल्ली में सीएनजी से चलने वाली बसें होती हैं. मगर गाजियाबाद में ज्यादातर बसें डीजल से चलने वाली होती हैं. वहीं गाजियाबाद के पास ही आनंदविहार बस अड्डे पर भी रोजाना ही देश के अलग-अलग राज्यों से सैकड़ों बसें आती-जाती रहती हैं.

हमने जब गाजियाबाद के प्रदूषण को लेकर एक्सपर्ट की राय जाननी चाही तो पोलाश मुकर्जी, रिसर्च एसोसिएट, CSE का कहना था कि गाजियाबाद में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण यहां से गुजरने वाले वाहन हैं. वहीं यहां कि फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं के कारण भी प्रदूषण बढ़ता है.

वहीं गाजियाबाद की मेयर आशु वर्मा का कहना है कि वे जानते हैं कि यहां प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या बन गई है. मगर इसे रोकने के लिए अब वे गाजियाबाद में ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने वाले हैं. गाजियाबाद में जल्द ही मेट्रो सेवा भी शुरू होने वाली है. जिसके बाद ज्यादातर लोग कार को छोड़कर मेट्रो से ही सफर किया करेंगे.

मगर गाजियाबाद में प्रदूषण बढ़ने का कारण सिर्फ यहां के इंड्रस्ट्रियल एरिया या फिर ये वाहन ही नहीं हैं. बल्कि यहां जमा होने वाली गंदगी भी यहां फैलने वाले प्रदूषण का मुख्य कारण दिखाई पड़ता है.

अब जरूरत है कि गाजियाबाद में रहने वाले लोग भी कम से कम प्रदूषण करें ताकि गाजियाबाद प्रदूषण मुक्त हो सके.

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