मुख्यमंत्री नीतीश बोले, स्थायी बंदोबस्ती विनाशकारी साबित हुई

patna:[mithilanchalnews.in]मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में शिक्षा का प्रचार-प्रसार तेजी से हुआ है। जल्द ऐसी स्थिति आएगी कि पढ़े-लिखे लोग बटाईदारी नहीं करना चाहेंगे। ऐसे में जो गांवों में रहेगा, वही जमीन की खेती का उपयोग करेगा। लेकिन इसके लिए किसी को धैर्य खोने या हिंसा के रास्ते पर जाने की जरूरत नहीं है।



राज्य सरकार भूमि सुधार पर व्यवहारिक काम कर रही है और धीरे-धीरे समाधान निकलेगा। संगोष्ठी को राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी संबोधित किया। नीतीश ने कहा कि ऐसी स्थिति बन रही है कि हर रोज किसानों की खरीदने की क्षमता कम हो रही है।

उन्होंने ये बातें रविवार को विधान परिषद के सभागार में चंपारण एग्रेरियन बिल-1918 की शत वार्षिकी पर आयोजित संगोष्ठी में कहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थायी बंदोबस्ती विनाशकारी साबित हुई। जमींदारी उन्मूलन हुआ, पर मानसिकता में बदलाव नहीं हुआ। बिहार में जमीन को लेकर लोग अत्यधिक संवेदनशील हैं। जमीन के एक छोटे टुकड़े को लेकर हत्या हो जाती है। पहले जनता दरबार और अब लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून में भी जमीन से जुड़े अधिक मामले आते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में जमीन से जुड़े पुराने दस्तावेजों को अपडेट किया जा रहा है। जमीन का एरियल सर्वे 2022 तक पूरा हो जाएगा। एक अप्रैल से सूबे के सभी प्रखंडों में ऑनलाइन दाखिल-खारिज शुरू हो जाएगा। पेमेंट गेटवे से भू-लगान भुगतान भी एक अप्रैल से ही शुरू हो जाएगा।

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