जाने क्या है प्रश्न ज्योतिष शास्त्र

हमने एक बड़ी ही दुर्लभ कड़ी की शुरुआत की है , जिसमें हम आपको रोज़ाना भविष्य जानने की विभिन्न विधियों की जानकारी दे रहे हैं!
हमने अब तक भविष्य जानने की २८ विभिन्न तरीकों और ज्योतिष शास्त्र का ज्ञान आपसे साझा किया है!
इसमें हम संक्षिप्त रूप में आपको अधिक से अधिक जानकारी देने की पूरी कोशिश कर रहे हैं!
आज इसका तीसरा भाग आपके सामने प्रस्तुत है!
२} प्रश्न ज्योतिष वह विधा है जिसे व्यक्ति के जन्म की तारीख़ , समय और स्थान का सही पता ना होने पर उपयोग में लाया जाता है!
क्योंकि उपयुक्त अभाव के कारण व्यक्ति की कुंडली नहीं बनाई जा सकती , इसलिए उनकी जिज्ञासा को शाँत करने के लिए प्रश्न ज्योतिष विधा का निर्माण किया गया!
प्रश्न ज्योतिष में फलादेश करने की कई विधियाँ हैं , जिनमें-घड़ी का समय देखकर ,सूर्य की स्थिति , नक्षत्र के अनुसार और मूक स्थिति को समझकर उत्तर दिया जाता है!
१)प्रश्नकर्ता जिस समय प्रश्न करता है उस समय को देखकर प्रश्न कुंडली बनाई जाती है और प्रश्नों का उत्तर दिया जाता है!
प्रश्न ज्योतिष से संबंधित ग्रंथ हैं – प्रश्न जातक, प्रश्न मार्ग , प्रश्न तंत्र ,प्रश्न ज्ञान प्रदीप , प्रश्न शिरोमणि ,
प्रश्न दर्पण , षट पंचाशिका , प्रश्न भास्कर , केरलीय प्रश्न रतन , प्रश्न चण्डेशवर , मुक प्रश्न विचार जिन्हें भारतीय महर्षियों ने निर्मित किया है




२) सूर्य की स्थिति को देखकर , यानी सूर्य प्रश्न कुंडली में कहां पर बैठा है , देखकर उत्तर दिया जाता है !
३) नक्षत्र के अनुसार प्रश्नों का उत्तर देने के लिए ये ध्यान दिया जाता है कि कौन सा नक्षत्र है , सभी नक्षत्रों को सात-सात कर तीन भागों में बाँटा जाता है , जो अन्ध लोचन नक्षत्र , मंद लोचन नक्षत्र और सुलोचन नक्षत्र का निर्माण करते हैं !
४) मूक प्रश्न के दो प्रकार हैं , पहला है वाचिक जिसमें प्रश्नकर्ता ज्योतिषी के सामने अपने प्रश्नों को स्पष्ट रूप से पूछकर उसका शुभाशुभ फल ज्ञात करता है !
मूक प्रश्न का दुसरा प्रकार है बिना प्रश्न किए मन में सोंचे गए प्रश्न का उत्तर देना , जिसे “मूक प्रश्न विचार” कहते हैं !
मूक प्रश्न विचार करते समय यह देखा जाता है कि प्रश्न कुन्डली का लग्न चर है , स्थिर है या विस्वभाव है !
प्रश्न कुंडली से भूत , भविष्य का शुभाशुभ फल बताने के लिए आसपास से आ रही ध्वनि का भी विचार किया जाता है!
प्रश्न विधा ज्योतिष में चंद्रमा बीज तुल्य, लगन पुरुष तुल्य , नवमांश फल तुल्य और भाव स्वाद तुल्य परिणाम की जानकारी देता है !

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