जमीन के बदले नौकरी देने के मामले (लैंड फॉर जॉब केस) में मुख्य साजिशकर्ता पूर्व रेल मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को बनाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की कोर्ट में पेश की गई सप्लीमेंट्री चार्जशीट में यह दावा किया है।
साथ ही, ईडी ने लालू के परिवार पर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं। ईडी के अनुसार नौकरी के बदले जो जमीन ली गई, वह आज भी लालू परिवार के कब्जे में है।ईडी ने दावा किया कि रेलवे में नौकरी दिलाने के लिए तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों ने रिश्वत के तौर पर प्लॉट लिए थे। इन संपत्तियों को हासिल करने को ईडी द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत ‘अपराध की आय’ (पीओसी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
जांच एजेंसी के अनुसार, लालू यादव ने अपने परिवार और सहयोगियों के माध्यम से पीओसी के अधिग्रहण को छिपाने के लिए एक आपराधिक साजिश रची।ईडी की जांच से पता चला है कि मुख्य रूप से पटना के महुआ बाग में जमीन मालिकों को रेलवे में नौकरी का वादा करके कम कीमत पर अपनी जमीन बेचने के लिए राजी किया गया था।
इनमें से कई भूखंड पहले से ही लालू परिवार के पास मौजूद भूमि के निकट स्थित थे। सात में से 6 भूखंड लालू की पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से जुड़े थे और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्राप्त किए गए थे।ईडी ने चार्जशीट में कहा, जांच के दौरान पाया कि मेसर्स ए.के. इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य संस्थाओं का इस्तेमाल भूमि अधिग्रहण और नौकरी-भूमि योजना के बीच संबंध को और अधिक परतदार और अस्पष्ट करने के लिए किया गया था।”,
source: -Hindustan