जिनपिंग ने अपनी सेना को सबसे खराब स्थिति की कल्पना करते हुए युद्ध की तैयारियां तेज करने का आदेश दिया है। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव और चीन की सेना के प्रमुख शी जिनपिंग ने संसद सत्र के दौरान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और पीपुल्स आर्म्स पुलिस फोर्स के प्रतिनिधियों की पूर्ण बैठक के दौरान यह बात कही चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक सिंह ने सेना को आदेश दिया कि वह सबसे खराब हालात की कल्पना करें उसके बारे में सोचें और युद्ध के लिए अपनी तैयारियों और प्रशिक्षण को बढ़ाएं तमाम जटिल परिस्थितियों से तुरंत और प्रभावी तरीके से निपटने की कोशिश करें साथ ही पूरी दृढ़ता के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास संबंधी हितों की रक्षा करें।
ऐसा माना जा रहा है कि चीनी राष्ट्रपति की यह टिपणी वास्तविक नियंत्रण रेखा(LAC) पर भारत और चीन के बीच करीब २० दिन से जारी गतिरोध के चलते आई है।वही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति और चीन के साथ चल रहे मौजूदा गतिरोध पर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की।
द हिन्दू अख़बार ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि बैठक श्रीकटकर समिति की सिफारिशों को लागू किए जाने के लिए बुलाई गई थी ,लेकिन इसमें लद्दाख गतिरोध पर ही मुख्य रूप से चर्चा हुई ,इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोबाल ,चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टॉफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी शामिल रहे।
थल सेना प्रमुख श्री मनोज नरवणे ने पूर्वी लद्दाख मे अलग अलग बिन्दुओं पर जारी गतिरोध को विस्तार से सब के सामने रखा , गतिरोध को खत्म करने के लिए डिवीज़न कमांडर स्तर पर कई दौर की वार्ता विफल रही है।
इस से पहले देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैन्य सुधारो कि समीक्षा के लिए चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टॉफ जनरल बिपिन रावत,तीनों सेनाओं के प्रमुखों और मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मुलाकात की थी, इस मीटिंग में भी लद्दाख मे जारी गतिरोध पर चर्चा की गई थी।
हाल के दिनों में लद्दाख और उत्तरी सिक्किम मे भारत और चीन के सेना के बीच तनातनी देखनये को मिला है। दोनों देशो के सेना के बीच तनातनी के बाद दोनों पक्षों के रुख में भी कठोरता दिखने लगी है।