मोदी कूटनीति का जादू ट्रंप सरकार पर चढ़कर बोल रहा है। ये मोदी कूटनीति का कमाल है कि एक हफ्ते के अंदर अमेरिका ने चीन को दूसरा बड़ा झटका देते हुए ये साबित कर दिया है कि भारत के टक्कर में एशिया में कोई दूसरा देश नहीं है। अमेरिका ने भारत को स्ट्रैटजिक ट्रेड ऑथराइजेशन-1 यानी STA-1 लिस्ट में शामिल कर लिया है।
इस लिस्ट में शामिल होने वाला भारत पहला दक्षिण एशियाई देश है। एशिया में सिर्फ जापान और दक्षिण कोरिया को अमेरिका ने दर्जा दिया है। जबकि पूरी दुनिया की बात करें तो भारत 37वां देश है जिसे STA-1 का दर्जा मिला है। खास बात ये है कि अमेरिका ने अपने सबसे करीबी इजरायल को भी अभी तक ये दर्जा नहीं दिया है। बता दें STA-1 का दर्जा अमेरिका नाटो सहयोगियों को देता है। STA-1 में शामिल होने का फायदा ये है कि भारत को हाइ-टेक्नॉलजी प्रॉडक्ट्स की बिक्री का रास्ता आसान हो जाएगा।
सिविल स्पेस और डिफेंस सेक्टरों में भारत की ताकत अब और बढ़ेगी। बता दें चंद रोज पहले ही अमेरिका ने रक्षा विधेयक पास किया था जिसके तहत भारत के साथ रक्षा भागीदारी मजबूत करने की बात कही गई थी तो वहीं चीन को दुनिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय समुद्री युद्ध ड्रिल रिम ऑफ द पसिफिक एक्सरसाइज का हिस्सा बनने से रोके जाने का प्रावधान किया गया। बता दें भारत को अभी तक न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप यानी NSG का सदस्य नहीं बन पाया है।
अभी तक अमेरिका सिर्फ उन देशों को STA-1 की सूची में शामिल करता आया है जो मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रिजाइम, वॉसेनार अरेंजमेंट, ऑस्ट्रेलिया ग्रुप और NSG के सदस्य रहे हैं। भारत इनमें से तीन समूहों का सदस्य है लेकिन उसे अभी तक NSG की सदस्यता नहीं मिल सकी है। चीन बार-बार इसमें बाधा डालता आया है। STA-1 में भारत को शामिल कर के अमेरिका ने ये भी मान लिया है कि भारत NSG में शामिल होने के लिए सभी शर्ते पूरी करता है।