पटना बिहार मिथिलांचल न्यूज़ :-बिहार में मौसम को लेकर पहले से अलर्ट जारी था. उसके बाद अब शुक्रवार को अचानक मौसम का मिजाज बदल गया। आसमान में काले बादल छाये हुए हैं. कहीं बूंदा-बांदी हुई तो कहीं जमकर ओलावृष्टि हुई. इस वजह से मक्के की फसल और आम के मंजरों पर बुरा असर पड़ा है. साथ ही लोगों को भी जबरदस्त नुकसान सहना पड़ रहा हैं।
मधुबनी, सुपौल, अररिया एवं आस- पास के सटे इलाक़ो में शुक्रवार सुबह मौसम ने अचानक पलटी मारी. सुबह से ठंडी बयार बह रही थी. दिन के दस बजे के करीब आसमान में अचानक काले घने बादल घिर आए और कुछ ही देर में तेज बारिश शुरू हो गई. ग्रामीण अंचल में कुछ जगहों से हल्के ओले पड़ने की भी सूचना है. इससे मक्के की फसल को काफी नुकसान हुआ है. सैंकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई.
पश्चिमी चंपारण में भी रहा मौसम का कहर।
पश्चिमी चंपारण जिले में शुक्रवार की सुबह मौसम ने अचानक अपना रुप बदल लिया. आसमान में काले बादल छा गए. ठंड के साथ जहां कहीं जगह बूंदाबांदी हुई वहीं इस दौरान सिकटा में जमकर ओलावृष्टि हुई. इस ओलावृष्टि से फसलों खासकर आम के मंजरों को काफी नुकसान हुआ है. बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि के कारण आम जनजीवन भी काफी प्रभावित हुआ है।मौसम विभाग ने कहा 4 अप्रैल तक फिर हो सकती है
आंधी पानी के साथ ओलावृष्टि।
उत्तर बिहार के जिलों में आंधी पानी के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है. यह पूर्वानुमान मौसम विभाग ने जारी किया है. शुक्रवार को अगले चार अप्रैल तक के लिये जारी मौसम पूर्वानुमान में डाॅ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के मौसम विभाग ने कहा है कि उत्तर बिहार के जिलों में गरज वाले बादलों के बनने से हल्की वर्षा हो सकती है.
मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि वर्षा के दौरान हवा की रफ्तार तेज रह सकती है. कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हो सकती है. जिसकी संभावना तराई के जिलों में ज्यादा है. इस अवधि में अधिकतम तापमान 31 से 33 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 21 से 22 डिग्री के बीच रहने का अनुमान लगाया है.मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में यह भी कहा है कि औसतन 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पूरवा हवा चलने की संभावना है. किसानों के लिए जारी समसामयिक सुझाव में कहा है कि वर्षा एवं बूंदाबांदी की संभावना को देखते हुए कृषक भाइयों को सलाह दी जाती है कि फिलहाल खड़ी फसलों में सिंचाई स्थगित रखें. तैयार फसलों की कटाई में सतर्कता बरतें. कटी फसलों को सुरक्षित स्थानों पर रखें।
आशीष श्रीवास्तव की रिपोर्ट…..