SOCIAL MEDIA: बजट को किसी से सराहा तो किसी ने बताया बेकार, टॉप ट्रेंड में रहा बिहार

    पटना [mithilanchal]। बिहार के वित्तमंत्री सुशील मोदी ने मंगलवार को एक लाख 76 हजार करोड़ का बिहार का सालाना बजट पेश किया। बजट को जहां एनडीए के नेताओं ने सराहा, वहीं विपक्षी पार्टियों ने इसे फ्लॉप करार दिया। बजट पेश होने के बाद हैशटैग #Bihar, #Bihar Budget 2018, #Bihar Assembly ट्विटर के टॉप ट्रेंड में शामिल रहे। सबकी निगाहें बजट पर टिकी रहीं।
    बजट पेश होने से पहले से अटकलों का दौर जारी रहा। बजट पेश होने के बाद किसी ने इसकी सराहना की तो किसी ने इसे बेकार बताया।



    सत्‍ता पक्ष के नेताओं ने कही ये बात
    बजट पेश करने के बाद वित्तमंत्री सुशील मोदी ने ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा कि बजट के आकार में आठ गुना वृद्धि हमारी तेज आर्थिक प्रगति का ठोस प्रमाण है। इस बजट का स्वागत करने की बजाय विपक्ष ध्यान भटकाने के मुद्दे गढ़ रहा है। वहींं, स्वास्थ्यमंत्रीे मंगल पांडेय ने अपने ट्वीट में लिखा कि इस बार का बजट विकास को समर्पित है। बजट में सरकार का सात निश्चय न सिर्फ निश्चित में बदलेगा बल्कि सूबे के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार बजट की तारीफ करते हुए कहा कि बिहार सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट से शिक्षा, रोजगार सृजन और कृषकों के विकास को बल मिलेगा।

    यूजर्स ने ट्विटर पर यू दिए जवाब
    इसपर एक यूजर ने ट्वीट किया, बिहार का विकास, हर बिहारी का सपना है। जब विकसित होगा बिहार, तभी तो बदलेगा बिहार। एक अन्य यूजर ने अपने ट्वीट में लिखा कि बिहार के बजट में शिक्षा का खास ध्यान रखा गया, जिसके लिए बिहार सरकार को बधाई। उसने बिहार वासियों के हित में इस साल का बजट पेेश किया है। एक यूजर ने लिखा कि बजट स्वागत योग्य है, इसपर विश्लेषण होना चाहिए। इस बार का बजट विश्लेषण की चीज है। एक अन्य यूजर ने लिखा कि जिस तरह उत्तर प्रदेश की सरकार ने बुंदेलखंड के लिए अलग से योजना बनाई है, उसी तरह बिहार सरकार को मिथिलांचल के विकास के लिए अलग से योजना बनानी चाहिए। बजट में जनता के दिए सुझाव का ध्यान रखना चाहिए था।
    एक यूजर ने लिखा कि यह बजट 11 सालों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही समावेशी विकास की धारा को तेज करने में सहायक होगा। एक अन्य यूजर ने लिखा कि शिक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया गया है जो बिहार के लिए बहुत जरूरी था। एक युवा यूजर ने अपने ट्वीट में लिखा कि राज्य में इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने की बात कही गई है, जो युवाओं के लिए बेहतर कदम है।

    एक यूजर ने लिखा कि बजट किसी काम का नहीं है। सिर्फ आकार बढ़ाना जरूरी नहीं, बजट के प्रावधानों के अनुरूप समयबद्ध क्रियान्वयन एवं लागत के अनुरुप प्राप्ति अभीष्ट होना चाहिए।
    तेजस्‍वी के ट्वीट पर एंसं फंसा विवाद
    जब वित्तमंत्री सुशील मोदी बजट पेश कर रहे थे तब राजद ने सदन में जमकर हंगामा मचाया। उसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, जब मैं सदन में बोलने के लिए खड़ा हुआ तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी डर के मारे सदन छोड़कर चले गए। वो जानते हैं कि वे मेरे बाउंसर और गुगली का सामना नहीं कर सकते। शर्म आती है कि ये वरिष्ठ राजनेता 28 साल के युवा नेता से डरकर चले गए। इसपर एक यूजर ने रिट्वीट करते हुए लिखा कि शायद दोनों मनोज बैठा को पकडऩे गए होंगे। सदन से भाग गए। जदयू नेता नीरज कुमार ने ट्वीट कर तेजस्वी पर तंज कसा, तुम्हारे साथ था तो मैं, जमाने भर से रुसवा था। मगर अब तुम नहीं हो तो जमाना साथ गाता है। इसपर उन्हें जवाब देते हुए एक यूजर ने लिखा कि इसका जवाब आपको उपचुनाव में पता चलेगा।
    ट्विटर पर बोले लोग: मौत पर नहीं हो राजनीति
    विपक्ष ने बजट पेश होने के दौरान सदन मेें जमकर हंगामा मचाया और भाजपा के मनोज बैठा को गिरफ्तार करने की मांग करते रहे। इसपर ट्विटर पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। लोगों ने लिखा कि नौ बच्‍चों की मौत के जिम्‍मेदार मनोज बैठा की गिरफ्तारी होनी चाहिए, लेकिन बजट के दिन इसपर राजनीति करना ठीक नहीं है।

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