होली को हैप्पी रहने दे जहरीली होली से बचे..एक विशेष रिपोर्ट

    (उधव कृष्ण/न्यूज़ डेस्क): यू तो होली प्रेम सोहाद्र और गीले शिकवे भूल कर गले मिलने और खुशी मनाने का त्योहार है पर आपके खुशी में मिलावट का जहर घोला जा रहा है.. जी हाँ त्योहार में पकवान और दूग्ध उत्पाद आदि की बढ़ी मांग की आपूर्ति के लिए सिंथेटिक खोया मिलावटी पकवान का स्टॉक पहले ही तैयार कर लिया गया है जो आपकी हैप्पी होली को जहरीली बनाने के लिए काफी है। यही नही जो रंग गुलाल आदि का उपयोग लोग धरल्ले से एक दूसरे के गालों पर करते है उससे कैंसर जैसे गम्भीर बीमारियों का खतरा भी बना रहता है, ये मैं नही कह रहा बल्कि शोध में ये पाया गया है जो आश्चर्यजनक है..

    गहरे रंग जैसे काले रंग में लेडऑक्साइड मिलाया जाता है,

    लाल रंग में मकरी सल्फ़ाइड मिलाया जाता है,

    सिल्वर रंग बनाने के लिए अलमुनियम ब्रोमाइड मिलाया होता है,

    वही हरे रंग में कॉपर सलफेट मिलाया जाता है,

    ये स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से घातक है। वहीं अगर बात होली की हो तो पकवान और मिठाई की खरीदारी भी होनी है पर सावधान हो जाए मिठाई खाने खिलाने से आप बीमार भी पर सकते है, नकली और मिलावटी चीज़ों का उपयोग ना करे।



    सिंथेटिक रूप से बनाई गई मिठाई आपके जीभ का स्वाद बढ़ाएगी नही बल्की आपको बीमार कर सकती है।

    क्या है उपाय !

    ■होली में जहाँ तक हो रंग से बचे..

    ■अगर रंग लगवाना भी हो तो सर से पैर तक पहले ही तेल लगा ले जिससे त्वचा को कम नुकसान पहुँचे।

    ■बालों में भी तेल लगा ले जिससे रंग के हानिकारक केमिकल सर की त्वचा तक न पहुँचने पाए।

    ■मिठाई या पकवान भरोसेमंद दुकान से ले और उसकी पक्की रसीद दुकानदार से जरूर मांगे अगर मिठाई के स्वाद में तनिक भी संदेह हो तो इसकी शिकायत करे।

    हालांकि हमारे देश मे खाद्य सुरक्षा मामले के अलग से केंद्र और राज्य स्तर पर विभाग सक्रिय है और त्योहारों में वे मिलावटी चीज़ों के ऊपर कड़ी कार्यवाही करने की तैयारी में रहते है, पर अगर जनता जागरूक न हो तो उन्हें भी इन चीज़ों से कुछ खास सरोकार नही रहता, तब वो भी ये तो कभी बंद नही हो सकता ऐसा होता ही है वाले रवैये में आ जाते है। आज जरूरी है हर क्षेत्र में खाद्य पदार्थों की समुचित जाँच हो इसके लिए विभाग भी बनाएं गए है पर ये कितना काम करते है इसका आपको अगली बात से अंदाजा लग जाएगा.. क्या आप जानते है मिठाई दुकानदारों को भी लाइसेंस लेना होता है।

    खाद्य पदार्थ की जाँच के लिए विभाग के अधिकारी दुकानों का विजिट करते है, अब सोचिए कभी आपने किसी भी दुकान पर किसी ऐसे विभाग के सम्बंधित अधिकारी को खाद्य पदार्थों की जाँच करते देखा है अगर देखा है तो आप भाग्यशाली है क्योंकि ये अधिकारी यदा कदा ही दिख पड़ते है।

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