मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा और विधानसभा की सीटिंग सदस्यों के निधन के कारण तीनों सीटें खाली हुई हैं और जदयू का फैसला है कि वह चुनाव में भाग नहीं लेगा। यह पार्टी का अपना नीतिगत फैसला है। ये सीटें हमारी पार्टी के किसी सदस्य के निधन से खाली नहीं हुई है।
पटना में आयोजित लोक संवाद की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में नीतीश ने कहा कि बिहार उपचुनाव में हिस्सा नहीं लेने का फैसला जदयू की राज्य इकाई का है, मेरा नहीं। प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने तो दो दिन पहले ही इस संबंध में जानकारी दे दी थी। अब जिसको जो कहना हो कहे, हम क्या कर सकते हैं?
उन्होंने बताया कि पार्टी की कोर कमिटी में उपचुनाव को लेकर चर्चा हुई और पार्टी की तरफ से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया गया और फैसले के बाद जब मुझसे पूछा गया तो मैंने भी हां कर दिया।
बिहार में तीन सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव से जदयू ने किनारा करते हुए फैसला सुनाया था कि वह उपचुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। इस फैसले के बाद विरोधियों द्वारा लगाए जा रहे आरोप का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि चुनाव लड़ना या ना लड़ना किसी भी पार्टी का अपना फैसला है और सबको अपना फैसला लेने का पूरा अधिकार है।
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