पटना हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के बाद गर्भवती हुई 17 साल की रेप पीडि़ता को गर्भपात कराने की अनुमति दी है। उसे 24 सप्ताह का गर्भ है। संभवत : यह अपनी तरह का पहला मामला है जब किसी हाईकोर्ट ने 24 सप्ताह की गर्भवती के गर्भपात के पक्ष में निर्णय दिया है। कोर्ट ने एम्स के डायरेक्टर एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम गठित करने का निर्देश भी दिया। साथ ही पीडि़ता को सभी चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराने को भी कहा।
जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने पीडि़ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया। बताते चलें कि किसी भी हाईकोर्ट ने अभी तक इस तरह का फैसला नहीं सुनाया है। केवल सुप्रीम कोर्ट ने कुछ मौकों पर 20 सप्ताह तक गर्भपात कराने की अनुमति दी है।
याचिकाकर्ता के वकील विन्ध्याचल सिंह ने हाईकोर्ट को जानकारी दी कि सारण की लड़की के साथ उस वक्त दुष्कर्म किया गया, जब उसकी मां जरूरी काम से बाहर निकली थी। उसके पिता मुम्बई में कार्य करते थे। हालांकि, अभियुक्त पकड़ा गया और उसे जेल भेज दिया गया।
हाईकोर्ट ने संविधान के अनच्छेद 20 का जिक्र करते हुए कहा कि समाज में हर व्यक्ति को सम्मान पूर्वक जीने का हक है। कोर्ट ने सरकार से पीडि़त लड़की के पुर्नवास के लिए आवश्यक कदम उठाने को भी कहा। साथ ही कम से कम तीन लाख रूपये क्षतिपूर्ति के रूप में लड़की के अभिभावक को देने का निर्देश दिया। लड़की के हेल्थ चेकअप की जिम्मेदारी प्रधान सचिव को सौंपी।
जस्टिस सिंह ने बिहार लीगल सेल प्राधिकार को उचित कदम उठाने के लिए कहा है। यदि लड़की प्राधिकार से जुड़ कर अपना जीविकोपार्जन करना चाहती है तो उसके लिए भी मदद करनी होगी।
jagran
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