राज्यसभा  में उठा पत्रकारों के शोषण का मुद्दा..पढ़े पूरी खबर..

    ​smachar4media: भारतीय मीडिया के पत्रकार इन दिनों किस तरह के दबाव में काम करने को मजबूर हैंइसका मुद्दा राज्यसभा में उठा। मंगलवार को शून्यकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने न केवल पत्रकारों की सुरक्षा का मुद्दा उठायाबल्कि उन्होंने सरकार से हर दिन पत्रकारों के कामकाज में सरकारी हस्तक्षेप को खत्म करने की भी मांग की।

    नरेश अग्रवाल ने कहा कि मीडिया की स्वतन्त्रता के नाम पर पत्रकारों का शोषण हो रहा है। सारी मीडिया आज सरकार के साथ है अगर कोई पत्रकार सच लिखना चाहेतो उसे शाम को नौकरी से निकाल दिया जाता है। सारे पत्रकार मीडिया मालिकों के दवाब में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर तो पत्रकारों का और भी बुरा हाल है। इन पत्रकारों को कोई भी पैसा नहीं दिया जाता। पूरे दिन कैमरा लेकर घूमने के बाद वे पैसा कमाते हैं और वह भी कभी-कभी जब उनकी स्टोरी अप्रूव हो जाती है। इसके लिए उन्हें करीब दो सौ रुपए दिए जाते हैं। इस तरह से महीने में उनकी दो-तीन स्टोरी ही अप्रूव होती है। उन्होंने कहा कि इन पत्रकारों की पेंशन और पीएफ की कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है।      

    उन्होंने यह भी कहा कि जो पत्रकार सरकार के खिलाफ लिखते हैं वे मारे भी जाते हैं। इस साल देश में नौ ऐसे पत्रकार मारे गए जिनमें गौरी लंकेशनवीन गुप्ताकमलेश जैन भी शामिल हैं।  

    उन्होंने कहा कि राज्यों में तो ऐसी हालत है कि सरकार के खिलाफ यदि कोई पत्रकार लिख दे तो मीडिया मालिक पर वहां की सरकार दबाब बनाकर जबरदस्ती उसे निकलवा देती है। उन्होंने कहा कि वे ऐसे दस उदाहरण दे सकते हैंजिसमें मीडिया की स्वतन्त्रता धरी की धरी रह जाती है।

    गुरमीत राम रहीम की सजा के दिन हुए मीडिया पर हमले को लेकर उन्होंने कहा कि राम रहीम के कांड में तो तमाम मीडियाकर्मी मारे गएउनके समान को तोड़-फोड़ दिया गयाकई घायल हो गए। लेकिन अस्पताल में इलाज के पैसे तक मालिकों ने नहीं दिए।

    उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि कोई ऐसा नियम बनाया जाए कि यदि पत्रकारों को स्वतंत्रता दी जाए तो वे सिर्फ सत्य ही लिख सकें।   

    वहीं दूसरी तरफकांग्रेस की राज्यसभा सांसद कुमारी सेलजा ने आज राज्यसभा में हरियाणा में महिलाओं के साथ हो रहे है अपराधों पर और इन मामलों में मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को कवर किया जाता हैजबकि हरियाणा जैसे राज्यों में अपराधों के बारे में बात नहीं की जाती है। मीडिया को अपनी भूमिका का एहसास होना चाहिएहमें पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार की घटनाओं को पूरी जिम्मेदारी के साथ रोकना पड़ेगा।

    इस पर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने संज्ञान लिया और कहा कि ये किसी एक राज्य या क्षेत्र की बात नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ये एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है। हमें मांइड सेट को बदलने की जरूरत है। इल मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मीडियाबॉलिवुड और सोशल मीडिया की ये नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि अपराधों की इन घटनाओं का लगातार गुणगान न करे। हम उन लोगों के बारे में भी बात करें जो अच्छा काम करें रहें हैंइसके साथ-2 समस्या को समझे। सभी को ये सुनिश्चित करने की जरूरत है कि परिस्थितियों में सुधार हो।

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