darbhanga:निर्माण के तीन वर्ष बाद भी प्रतिनियुक्त नहीं हुए कर्मी ,पुलिस सहायता कक्ष में कहीं चाय तो कहीं बिक रहा झोला

    दरभंगा:शहर की जटिल ट्रेफिक व्यवस्था सड़कों पर घटित होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से शहरी मुख्यालय के विभिन्न चौक-चौराहों पर लगभग एक दर्जन पुलिस सहायता कक्ष का निर्माण कराया गया। आसपास से गुजरने वाले लोगों को लगा कि जल्द ही पुलिस इन कक्षों में बैठेगी। लेकिन बने कक्ष पुराने होने को हैं, बावजूद एक भी पुलिसकर्मी आज तक इन कक्षों में नहीं दिखा। इसका लोगों का काफी मलाल है। लोगों की मानें तो जब कक्ष में पुलिस बल को प्रतिनियुक्त ही नहीं किया जाना था तो संकीर्ण सड़कों पर इसका निर्माण ही क्यों कराया गया। प्रशासन सड़कों को अतिक्रमण मुक्त कर यातायात व्यवस्था को बहाल करें। इससे लोगों को जाम की समस्या से निजात मिलेगा। कि मुख्य चौराहों पर कक्ष स्थापित कर स्वयं ही अतिक्रमण कर समस्या का कारण बनकर लोगों की परेशानी को बढाएं। ट्रेफिक व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए भले ही पुलिस बराबर मुहिम चलाकर कार्रवाई करती हो, लेकिन पुलिस स्वयं सड़क पर अपना कब्जा जमा हुए है। लहेरियासराय, बेंता, कर्पूरी चौक, डीएमसीएच, दोनार, भगत सिंह चौक, आयकर चौराहा समेत कई स्थान पर पुलिस सहायता केंद्र की स्थापना की गई थी। इस कारण चौराहे का एक हिस्सा पुलिस के अवैध कब्जे का शिकार हो गया। शहर में पुलिस व्यवस्था के नाम पर सिर्फ समय समय पर वाहन चालकों पर चलानी कार्रवाई करती है बल्कि फुटपाथी व्यापारियों की दुकानदारी भी हटा देती है। लेकिन स्वयं किए गए अवैध कब्जे को लेकर पुलिस बेफिक्र है। पुलिस सहायता केंद्र का निर्माण जिस उद्देश्य से किया गया था, वह लगभग तीन वर्ष बाद भी शुरू नहीं हो सकी है।

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