darbhanga:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दहेज विरोधी बयान गांव-देहात में रंग लाने गला है। इसमें बड़े बुजुर्ग नहीं अब लड़का-लड़की ही आगे बढ़ रहे हैं। इसी का नतीजा है कि दहेज के लिए शादी टूटने के बाद लड़का-लड़की ने घर परिवार छोड़ कर मंदिर में शादी रचाने के बाद शुक्रवार को एसडीपीओ दिलनवाज अहमद के कार्यालय में उपस्थित हो कर लड़की ने दहेज उत्पीड़न के साथ ही अपहरण के मामले को झूठा ठहराते हुए दहेज के खिलाफ सरकार की ओर से बढ़ाए गए कदम को सराहना कर मामले को पुलिस रिकॉर्ड में फाइनल करवा दिया।
भागने को लेकर दर्ज हुई थी अपहरण की प्राथमिकी
सिंहवाड़ाथाना में 17 मई को थाना क्षेत्र के मईन टोला निवासी प्रियंका कुमारी को बहला-फुसलाकर भगाने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी (80/17) दर्ज हुई। इस मामले में पुलिस ने मिठ्ठु राम और उसके दो सहयोगियों को अभियुक्त बनाया था। इस बीच कांड के अनुसंधानक नरेन्द्र लाल दास ने दोनों पक्षों को शुक्रवार को एसडीपीओ के पास लाया और मामला दहेज नहीं देने को लेकर भागकर शादी करने का बताते हुए केस को समझौता कर दिया गया है। इसकी पुष्टि एसडीपीओ ने भी की है।
21 हजार रुपये और जेवर को लेकर विवाद
लड़कीऔर लड़का की मां ने पुलिस अधिकारी के समक्ष पत्रकारों को बताया कि सोलह मई को उसकी शादी जाले थाना अन्तर्गत वसंत गांव निवासी विशेश्वर राम के पुत्र मिठ्ठु राम से होना तय थी। इस बीच शादी में 21 हजार रुपये और गहना को लेकर विवाद बढ़ गया। शादी तय हुए सालभर हो चुका था। इस बीच दोनों परिवार के बीच बातचीत और लड़की-लड़का में भी मोबाइल फोन से बात होती रहती थी। बीच में दहेज का मामला आने पर शादी टूट गई। इसी बीच दूसरी जगह शादी तय हो गई। शादी के एक दिन पहले 16 मई की रात लड़की-लड़का गांव से भाग निकले और बिना दहेज के ही शादी कर दहेज लोभी परिवार को परेशानी में भी डाल दिया।