मुजफ्फरपुर:एक बस का परमिट सरेंडर का आवेदन संबंधित रजिस्टर में दर्ज नहीं करने पर आयुक्त ने आरटीए के प्रधान लिपिक को निलंबित कर दिया है। बस जब्त कर ओनर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
आयुक्त ने बस मालिक पर प्राथमिकी दर्ज करा परमिट रद्द की, बस जब्त
बेतिया के एक ऑनर द्वारा परमिट सरेंडर करने के बाद डुप्लीकेट परमिट निकाल कर बस परिचालन का खुलासा
आरटीए सचिव केपी श्रीवास्तव ने बुधवार को कहा कि बेतिया के एक बस ओनर ने चार साल पहले परमिट सरेंडर कर दिया था। लेकिन, प्रधान लिपिक चंद्रशेखर प्रसाद ने उक्त आवेदन की रजिस्टर में एंट्री नहीं की। बाद में ओनर ने अपनी उक्त बस बेच दी। बस खरीदने वाले ने पिछले महीने आरटीए में नए परमिट के लिए आवेदन दिया। तब पता चला कि उस बस का पुराना परमिट सरेंडर नहीं हुआ है। फिर नए ओनर ने पुराने परमिट का डुप्लीकेट निकलवा कर परिचालन शुरू कर दिया। बेतिया के दूसरी बसों के ओनर ने इसकी शिकायत की। जांच में पता चला कि लिपिक ने परमिट सरेंडर आवेदन को रजिस्टर में चढ़ाया ही नहीं। ऐसे में डुप्लीकेट परमिट जारी हुआ। आरटीए सचिव ने कहा कि बस को जब्त कर ओनर पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई। परमिट रद्द कर दिया गया है। साथ ही तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त ने प्रधान लिपिक को निलंबित कर दिया।