पीजी(पोस्टग्रेजुएट) की ऑनलाइन परीक्षा में धांधली के आरोप में पकड़े गए चिकित्सकों से सूबे के मेडिकल कॉलेज के छात्रों में हड़कंप है। दाखिले के लिए 30 से 40 लाख रुपये में सौदा होने का मामला सामने आने के बाद राज्य के मेडिकल कॉलेजों में पीजी के विभिन्न सीटों पर नामांकन की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है। पिछले सप्ताह दिल्ली क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर लखेंद्र चौहान की टीम एक आरोपी को लेकर पटना में छापेमारी की थी। छापेमारी में 30 से अधिक डॉक्टरों के नाम सामने आए थे। इसके बाद आशंका जताई जा रही है कि श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज में भी क्राइम ब्रांच की टीम पहुंच सकती है। पकड़े गए आरोपी अतुल ने उन डॉक्टरों के नाम बताए हैं जो उनकी मदद से परीक्षा में अच्छे रैंक हासिल कर चुके हैं। उसने पुलिस को 25 से अधिक डॉक्टरों के बारे में जानकारी दी है। क्राइम ब्रांच की टीम के अनुसार, अतुल वत्स इस गिरोह का सरगना है। इसके तार बिहार के मेडिकल कॉलेज के छात्रों से जुड़े हैं।
पीजी पढ़ाई की प्रक्रिया ऑनलाइन
पीजीमें नामांकन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है। वेबसाइट के जरिए नामांकन लेने वाले छात्रों के नाम मेडिकल कॉलेज में पहुंचते हैं। साथ ही नामांकन के दौरान पूरी कागजात लेकर छात्र मेडिकल कॉलेज पहुंचते हैं। वहां, उनके लाए कागजातों का मिलान होता है। फर्जीवाड़ा संबंधित जांच मेडिकल कॉलेज से कर पाना मुश्किल है।