क्या आप जानते है देश का सबसे पढ़ा जाने वाला अखबार कौन सा है..आगे पढ़ें..

(समाचार4मीडिया)):18 जनवरी, 2018 को इंडियन री‍डरशिप सर्वे’ (IRS) 2017 के वे आंकड़े जारी किए गए, जिसका सभी को चार साल से इंतजार था। इन आंकड़ों में जिस दैनिक अखबार ने पाठकों के बीच अपनी जबरदस्त मौजूदगी दर्ज कराई, वह अखबार था दैनिक जागरण। दरअसल, सभी भाषाओं को मिलाकर देखें तो, भारत में दैनिक जागरण पहला ऐसा अखबार बना, जिसकी कुल रीडरशिप (पिछले एक महीने में) 7 करोड़ से ज्यादा रही। वहीं इसके बाद, जिस अखबार की रीडरशिप सबसे ज्यादा रही, वह है हिन्दुस्तान, जबकि तीसरा नंबर अमर उजाला का आया। इन दोनों ही अखबारों की कुल रीडरशिप क्रमश: 5.2 करोड़ और 4.6 करोड़ से ज्यादा रही।



वहीं अंग्रेजी दैनिक अखबारों की बात करें तो द टाइम्स ऑफ इंडिया इस सूची में पहले नंबर रहा, जिसकी कुल रीडरशिप 1.3 करोड़ से ज्यादा रही। इंडियन री‍डरशिप सर्वे 2017 के मुताबिक, हिन्दुस्तान टाइम्सअंग्रेजी भाषा में दूसरा सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला अखबार रहा, जिसकी कुल रीडरशिप 68 लाख से ज्यादा रही। वहीं द हिन्दू’ (The Hindu) ने 53 लाख से ज्यादा रीडरशिप के साथ तीसरे नंबर पर अपनी जगह बनाई।

दिलचस्प बात यह है कि बिजनेस अखबारहोने के बावजूद भी द इकनॉमिक टाइम्स’ (The Economic Times) ने अंग्रेजी के अन्य बड़े अखबारों को पीछे छोड़ दिया, जिसमें द इंडियन एक्सप्रेस (The Indian Express) और मुंबई मिरर (Mumbai Mirror) जैसे अखबार शामिल हैं। इस अखबार की कुल रीडरशिप 31 लाख से ज्यादा रही, जबकि द इंडियन एक्सप्रेस की कुल रीडरशिप 15 लाख और मुंबई मिरर की 18 लाख से ज्यादा रही।

वहीं क्षेत्रीय भाषाओं की बात करें तो इस कैटेगरी में तमिल दैनिक डेली थांती‘ (Daily Thanthi) इस सूची में सबसे ऊपर रहा। इस अखबार की कुल रीडरशिप 2.3 करोड़ से ज्यादा है, जबकि लोकमत (Lokmat) लगभग 1.8 करोड़ रीडरशिप के साथ दूसरे और मलयाला मनोरमा (डी) [Malayala Manorama (D)] 1.5 करोड़ के साथ तीसरे नंबर पर रहा।

इसी तरह से जब मैगजीन की बात करें तो, इंडिया टुडे (India Today) की अंग्रेजी और हिंदी मैगजीन ही पाठकों के बीच सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली मैगजीन रही। इनकी कुल रीडरशिप क्रमश: 79 लाख और 71 लाख से ज्यादा रही। वहीं हिंदी की सामान्य ज्ञान दर्पण (Samanya Gyan Darpan) इस सूची में तीसरी मैगजीन बनी, जो सबसे ज्यादा पढ़ी गई। इसकी कुल रीडरशिप 68 लाख से ज्यादा है।

डेंशू एजिस नेटवर्क के साउथ एशिया के सीईओ व मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल’ (MRUC) के चेयरमैन आशीष भसीन ने कहा कि इंडियन री‍डरशिप सर्वे’ (IRS) 2017 ही एक ऐसी रिपोर्ट है, जिसके लिए पूरी इंडस्ट्री एक साथ आई है।

वहीं मीडिया रिसर्च यूजर्स काउंसिल’ (MRUC) के एनपी सत्यमूर्ती ने कहा कि मेरा मानना है कि कुल मिलाकर आईआरएस का यह रिजल्ट काफी अच्छा रहा। व्यक्तिगत रूप से कहूं तो जब हम एक बार मार्केट की गहराई में जाएंगे, तभी हम सबके लिए अच्छा होगा। हमने अच्छी गुणवत्ता, विश्वसनीयता और प्रामाणिकता के साथ काम किया है। एक बार जब हम गहराई मे जाएंगे तभी समझ पाएंगे कि कितनी चुनौतियां हमारे सामने आएंगी, लेकिन फिर भी इंडस्ट्री काफी खुश है।

एमआरयूसी की ओर से जारी बयान के अनुसार, इंडस्‍ट्री को विश्‍वसनीय और मजबूत आंकड़े उपलब्‍ध कराने के लिए ‘IRS Techcom’, ‘RSCI’, ‘MRUC’ के साथ मार्केट रिसर्च फर्म नील्‍सन’ (Nielsen) की टीम ने भी अपने स्‍तर से कोई कसर नहीं छोड़ी है।

आईआरएस 2017 की रिपोर्ट को तैयार करने के लिए सैंपल साइज में भी करीब 40 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। आईआरएस 2013 में जहां 2,35000 घरों का सर्वे किया गया, वहीं आईआरएस 2017 के सर्वे में 3, 30,000 हाउसहोल्‍ड को शामिल किया गया। इनमें शहरी क्षेत्र में 2.14 लाख और ग्रामीण क्षेत्रों में 1.16 लाख घरों को शामिल किया गया, जबकि आईआरएस 2013 में 2,35000 सैंपल साइज था।

आईआरएस 2017 में 600 से ज्‍यादा पब्लिकेशंस को कवर किया गया है। पहुंच व स्‍तर के आधार पर 71 प्रॉडक्‍ट कैटेगरी बनाई गई हैं। 28 राज्‍यों, चार केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा पांच लाख से अधिक जनसंख्‍या वाले 95 शहरों, 91 जिलों और 101 जिला समूहों को इसके तहत कवर किया गया है।