25 जून:34 साल पहले आज ही के दिन पूरा हुआ था करोड़ो भारतीयों का सपना, पहली बार भारत ने जीता था क्रिकेट वर्ल्ड कप

मुंबई। 25 जून 1983 का दिन भारतीय खेलों के इतिहास का कभी ना भूल पाने वाला दिन है। 30 साल पहले इसी दिन भारत ने विश्वकप में ऐतिहासिक लॉर्ड्स में वेस्टइंडीज पर 43 रन से हैरतअंगेज जीत दर्ज कर विश्व कप पर कब्जा जमाया था। आज भारत की पहली विश्व कप जीत 30 साल की हो गई। यह एक ऐसी सफलता थी जिसकी किसी भारतीय क्रिकेट प्रेमी को सपने में भी उम्मीद नहीं थी। तब भारत के टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंचना तो दूर उसके केवल एकाध मैच जीतने की ही उम्मीद लगाई जा रही थी। लेकिन कप्तान कपिल के जांबाजों ने वह कारनामा कर दिखाया, जिसने भारतीय क्रिकेट को रातोंरात जमीन से उठाकर आसमानी ऊंचाईयों पर पहुंचा दिया। इसके साथ ही 25 जून 1983 की तारीख भारतीय खेलों के इतिहास में र्स्वाणक्षरों में अंकित हो गई। पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने उम्मीदों के विपरीत हैरत अंगेज प्रदर्शन किया था और ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड तथा वेस्टइंडीज जैसी दिग्गज टीमों को एक के बाद एक धूल चटाते हुए विश्वकप पर कब्जा किया था।

 

इंडीज के चैंपियन बनने की हैट्रिक का सपना तोड़ा

फाइनल में एक ओर थी दो बार खिताब जीतने वाली वेस्टइंडीज की टीम, तो दूसरी ओर थी पिछले दोनों विश्व कप में खराब प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम. वेस्टइंडीज ने भारत को सिर्फ 183 रनों पर समेट दिया. इंडीज के लिए यह कोई बड़ा लक्ष्य नहीं था, लेकिन बलविंदर सिंह संधू ने गॉर्डन ग्रीनिज को सिर्फ एक रन पर बोल्ड कर भारत को जबरदस्त सफलता दिलाई. हालांकि इसके बाद विवियन रिचर्डस ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करते हुए 33 रन ठोंक डाले.

कप्तान कपिल ने लपका था रिचर्ड्स का अद्धभुत कैच

इसी दौरान रिचर्ड्स ने मदन लाल की गेंद पर अचानक मिड विकेट की तरफ एक ऊंचा शॉट खेला. कपिल ने अपने पीछे की तरफ लंबी दौड़ लगाते हुए एक अद्धभुत कैच लपक लिया. रिचर्ड्स का आउट होना था कि वेस्टइंडीज की पारी बिखर गई. आखिरकार पूरी टीम 140 रनों पर सिमट गई. मदन लाल ने 31 रन पर तीन विकेट, मोहिंदर अमरनाथ ने 12 रन पर तीन विकेट और संधू ने 32 रन पर दो विकेट लेकर लॉयड के धुरंधरों को ध्वस्त कर दिया था. अमरनाथ सेमीफाइनल के बाद फाइनल में भी अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से मैन ऑफ द मैच रहे.

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