सिर्फ बल्लेबाजी नहीं पढ़ाई में भी अव्वल रहीं Pratika Rawal, पिता का सपना पूरा करने के लिए बनीं क्रिकेटर

Pratika Rawal cricket journey: भारतीय ओपनर प्रतिका रावल को भले ही देर से अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है, लेकिन इस युवा बल्लेबाज ने देर आए दुरुस्त आए की कहावत चरितार्थ कर दिखाई है। प्रतिका उन होनहार बच्चों में से हैं, जो जिस भी क्षेत्र में हाथ आजमाते हैं, सफलता उनके कदम चूमती है। प्रतिका पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहीं और खेलों में भी खुद को बेहतर साबित किया। दिल्ली यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी में ग्रेजुएट प्रतिका स्कूल में बास्केटबॉल खिलाड़ी भी रही हैं, लेकिन अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने क्रिकेट को करियर के तौर पर चुना और आज पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं।Pratika Rawal cricket journey: भारतीय ओपनर प्रतिका रावल को भले ही देर से अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है, लेकिन इस युवा बल्लेबाज ने देर आए दुरुस्त आए की कहावत चरितार्थ कर दिखाई है। प्रतिका उन होनहार बच्चों में से हैं, जो जिस भी क्षेत्र में हाथ आजमाते हैं, सफलता उनके कदम चूमती है। प्रतिका पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहीं और खेलों में भी खुद को बेहतर साबित किया। दिल्ली यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी में ग्रेजुएट प्रतिका स्कूल में बास्केटबॉल खिलाड़ी भी रही हैं, लेकिन अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने क्रिकेट को करियर के तौर पर चुना और आज पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं।  

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