तीन दिनों के पटना फिल्मोत्सव का जोरदार आग़ज

   

  “तमिल फिल्ममेकर दिव्या भारती ने कहा की फिल्म को एक हथियार की तरह उपयोग किया जा सकता है इससे सिर्फ पैसे नहीं बनाया जाया जा सकता बल्कि समाज में फैले दिक्कतों को भी सुलझाया जा सकता है ”

इस फिल्मोत्सव के पहले दिन रविवार को चार फिल्मे कालिदास रंगालय में दिखाई गई . समारोह की शुरुआत तमिल फिल्म मेकर दिव्या भारती ने की .

 

हिरावल जन संस्कृति मंच की ओर से आयोजित इस तीन दिवसीय फेस्टिवल की शुरुआत एकतारा कलेक्टिव की बनाई फिल्म तुरुप नए सिनेमा की धमक से हुई . इन तीन दिनों में कई फीचर फिल्मे ,शोर्ट फिल्मे दिखाई जाएगी .

 

हिरावल जन संस्कृति मंच के नौवा पटना फिल्मोत्सव प्रतिरोध का सिनेमा का थीम 100 वर्ष चंपारण सत्याग्रह के ,अक्टूबर क्रांति और हिंदी के महान कवि मुक्तिबोध है .ये फिल्म फेस्टिवल पटना के फिल्म प्रेमियों को एक सुनहरा मौका भी दे रहा है फिल्ममेकर से खुलकर उनके फिल्म के विषय में बात करने को उनके और अपने विचार साझा करने को .

इस फिल्म फेस्टिवल की शुरुआत दिव्या भारती की फिल्म कक्कुस से होने वाली थी जो की सफाईकर्मियों की जानलेवा अमानुषिक कार्य – स्थितियों से रूबरू करवाती है पर किसी कारण से इसे नहीं दिखाया जा सका जिसे आज के दिन दिखाया जाएगा . पटना के इस फिल्म फेस्टिवल में भोपाल , मुंबई , दिल्ली से कई फिल्ममेकर भाग ले रहे है |

 

फिल्म फेस्टिवल के अन्त में स्वरा भास्कर दवरा अभिनय की हुई बहुचर्चित हिंदी फीचर फिल्म अनारकली ऑफ आरा दिखाई जाएगी और उसके निर्देशक अविनाश दास सीधे दर्शको से बातचीत करेगे .

@ बिकेश्वर त्रिपाठी