नरेंद्र मोदी को 6 साल प्रधानमंत्री रहने के बाद इस बात का बखूबी एहसास है कि वह अब भी अजेय है

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल के पहला साल आज यानी 30 मई को पूरा कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी को 6 साल प्रधानमंत्री रहने के बाद इस बात का बखूबी एहसास है कि वह अब भी अजेय है। विपक्ष उनके सामने बहुत छोटा है विपक्ष के किसी भी नेता को वह रुतबा नहीं मिल पाया है।
    हालांकि कांग्रेस मोदी के दूसरे कार्यकाल में महाराष्ट्र और झारखंड की सत्ता तक पहुंची इन दोनों राज्यों में कांग्रेस का कोई मुख्यमंत्री नहीं है लेकिन बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने में वह कामयाब रहे। राहुल गांधी को उम्मीद है कि वह पीएम मोदी को कड़ी चुनौती देंगे क्योंकि उन्हें लगता है कि बीजेपी की सरकार कई मामले को सही से निपटाने में असमर्थ है। . .लेकिन मोदी सरकार राजनीतिक मोर्चे पर समस्या से नहीं जूझ रही इसलिए राहुल गांधी या कांग्रेस की किसी भी और नेता का उन पर भारी पड़ना आसान नहीं है।
    लेकिन मोदी सरकार आर्थिक मोर्चे पर समस्याओं से घिरी हुई है और यह समस्याएं बहुत ही जटिल है कहा जा रहा है कि आर्थिक मोर्चे पर यह समस्या इतनी जटिल है कि नरेंद्र मोदी चाह कर भी निदान नहीं ढूंढ सकते। प्रधानमंत्री के सामने अभी जो समस्याएं और उनके कारक है वह उनके व्यक्तिगत सीमा और मजबूरियों के कारण नहीं है। मोदी को पता है कि वह 2014 में अच्छे दिनों के वादे के साथ काबिज हुए और 2020 में आत्मनिर्भर का नारा दे रहे हैं मोदी को अभी एक मजबूत और लोकप्रिय नेता माना जाता है मोदी की ऐसी छवि बनी है कि वह कड़े फैसले लेने में हिचकते नहीं हैं और नींब बनाने की भी कोशिश करते हैं।
    मोदी इस बात से भी निश्चिंत रहते हैं कि जिस रास्ते पर चलने का फैसला किया है वह कहां जाएगी और क्या नतीजे निकलेंगे। आने वाले समय में मोदी इसी छवि के साथ आगे बढ़ते दिखेंगे जिसकी झलक उनके दूसरे कार्यकाल के पहले साल में दिख गई है कश्मीर में अलगाववाद और विद्रोह को चारा मुहैया कराने वाले अनुच्छेद 370 का खात्मा सरकार ने ऐसे ही किया। एक मास्टर स्टॉक के जरिए कश्मीर कानूनी और प्रशासनिक स्तर पर पूरे देश में समाहित हो गया।
    इसके साथ ही मोदी ने तीन तलाक पर अपनी प्रतिबद्धता दिखाइए तीन तलाक खत्म होने से मुस्लिम महिलाओं को राहत मिली क्योंकि पुरुष शादी तोड़ने में मनमानी करते थे इसके साथ ही इसके साथ ही मोदी सरकार ने संकेत दे दिया है कि उसका अगला कदम यूनिफॉर्म सिविल लॉ है। इसके साथ ही मोदी ने आतंकवाद निरोधी कानून को और सख्त किया है इस कानून के तहत अब किसी भी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित किया जा सकता है कई देशों में पहले से ही ऐसा किया जाता रहा है।
    2019 के खत्म होते होते तक सुप्रीम कोर्ट ने भी राम मंदिर पर फैसला दे दिया अयोध्या में जिस जगह पर पहले मस्जिद थी वहां मस्जिद नहीं रहेगी और राम मंदिर बनेगा .
    प्रधानमंत्री मोदी के लिए आर्थिक चुनौतियां और बड़ी होती जा रही है करोना वायरस के वैश्विक महामारी के फैलाव को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था की स्थिति और बिगड़ी है। शुक्र है कि मोदी ने वक्त रहते पूरे देश में कड़ी पाबंदियां लगाई। अस्पतालों में मौजूदा सुविधाओं को को दुरुस्त किया गया। भारत में कोरोनावायरस से मरने वालो का प्रतिशत 2.87 है. मोदी इस मामले में श्रेय ले सकते हैं लेकिन कुछ राज्यों ने भी अच्छा काम किया है
    मोदी ने 2019 के घोषणा पत्र में 2022 में भारत के आजादी के 75 साल पूरे होने के पर 75 माइल स्टोन प्राप्त करने का लक्ष्य रखा था अगर मोदी सरकार वाकई 75 माइल स्टोन हासिल कर लेती है तो भारत के प्रगति की कहानी कोरोना वायरस के महामारी पर भारी पड़ेगी।

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