पटना बिहार मिथिलांचल न्यूज़ :-विधान परिषद के चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही बिहार की राजनीतिक दलों में सरगर्मी तेज हो गई है विधायकों की संख्या के लिए आप से देखा जाए तो इस चुनाव में सबसे अधिक लाभ महागठबंधन को होता दिख रहा है वही इंडिया को 4 सीटों का नुकसान होना तय है.
आपको बताते चलें कि चुनाव आयोग ने बिहार के 11 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी है सभी एक 11 सीटों के लिए मतदान 26 मई को किया जाएगा.
विधायकों की संख्या और रिक्त सीटों के हिसाब से 1 उम्मीदवार को जीतने के लिए कम से कम 22 वोट का जुगाड़ करना होगा.
जहां राजद कि सिर्फ राबड़ी देवी का कार्यकाल समाप्त हो रहा है .लेकिन इस बार बार गठबंधन में राज्य सहयोगी कांग्रेस की मदद से 4 सीट आसानी से जीती हुई दिख रही है .
कांग्रेस भी 27 वोटों के सहारे 1 सीट आसानी से जीत लेगी कांग्रेस के पास अपने उम्मीदवार भेजने के अलावा 6 वोट अतिरिक्त भी है. जो राजद उमीदवार के काम आ सकता है.
वर्तमान में राजद के पास 80 विधायक विधानसभा में है इसके अलावा जीतन राम मांझी की पार्टी भी राजद के समर्थन में है .ऐसे में कांग्रेस के अतिरिक्त वोटों की मदद से राजद विधान परिषद की 4 सीट जीतने में सफल हो सकती है.
वहीं दूसरी ओर एनडीए के 10 उम्मीदवारों की कार्यकाल अवधि विधानसभा में समाप्त हो रही है. लेकिन संख्या बल के हिसाब से उसे मात्र 6 सीटों का लाभ होता हुआ दिख रहा है.
जहां वर्तमान में जदयू के पास विधानसभा में 70 विधायक है वहीं भाजपा के पास 53 विधायक विधानसभा में मौजूद हैं इसके अलावा NDA के पास रालोसपा और लोजपा के 2-2 विधायक का भी समर्थन प्राप्त है. इन सभी वोटों के सहारे जदयू को तीन और भाजपा को 2 सीटें मिलना तय है.
ऐसी परिस्थितियों में एनडीए को विधान परिषद में 4 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है.