स्पोर्ट्स मिथिलांचल न्यूज़ :-आज ही के दिन यानी 2 अप्रैल 2011 को भारत में 28 सालों के बाद क्रिकेट वर्ल्ड कप पर अपना कब्जा जमाया था.
28 साल के बाद टीम इंडिया ने इतिहास रचते हुए ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बाद तीसरी ऐसी टीम बनी जिसमें एक से अधिक बार क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने का गौरव प्राप्त किया.
2011 वर्ल्ड कप जीतने के साथ ही भारतीय टीम ने पहली ऐसी टीम बनी जिसने अपनी मेजवानी में वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया हो. इससे पहले कोई भी टीम अपने घर में वर्ल्ड कप जीतने का गौरव हासिल नहीं कर सकी थी.
लक्ष्य का पीछा करते हुए वर्ल्ड कप जीतने वाली तीसरी टीम बनी थी इससे पहले सिर्फ दो बार ऐसा हुआ था जब लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम ने वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया हो.
-अब तक फाइनल में शतक बनाने वाले की टीम जीतती रही थी. लेकिन ऐसा पहली बार हुआ, जब शतक काम नहीं आया. महेला जयवर्धने के नाबाद 103 रनों के बाद भी श्रीलंका को जीत नसीब नहीं हुई. 275 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत को शुरुआती झटके लगे थे. 2 विकेट महज 31 रन पर गिर गए थे.
धोनी और गंभीर की करिश्माई बल्लेबाजी
एक समय टीम इंडिया 114 रनों के स्कोर पर 3 विकेट खोकर मुश्किल में दिख रही थी ऐसे समय पर महेंद्र सिंह धोनी और गौतम गंभीर के बीच हुए 109 रनों के पार्टनरशिप के बदौलत भारत वर्ल्ड कप जीतने में सफल हो सका था. भारत की तरफ से गौतम गंभीर ने सर्वाधिक 97 रनों की पारी खेली वही महेंद्र सिंह धोनी ने 79 गेंदों पर 91 रनों का योगदान दिया था.
धोनी ने छक्के के साथ जिताया मैच
धोनी ने 79 गेंदों में 91 रन तो बनाए ही साथ ही बेस्ट फिनिशर की परिभाषा पर खरे उतरते हुए विजयी सिक्सर मारकर सबके दिलों को जीत लिया.