पटना बिहार मिथिलांचल न्यूज़ :-जैसे जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है और लोकसभा चुनाव 2019 के की तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे ही NDA के बिहार में घटक दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर मंथन शुरू हो गया है.
घटक दलों के नेताओं के बीच मीटिंग का दौर शुरू हो चुका है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का लोजपा के अध्यक्ष रामविलास पासवान से मिलने को इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है. पार्टियों की सक्रियता बढ़ने का मुख्य कारण जदयू का एनडीए में शामिल होना है वर्तमान में बिहार में एनडीए में जदयू के सबसे अधिक विधायक हैं ऐसे में सबसे अधिक सीटों की मांग जदयू के द्वारा स्वभाविक है.
सांसद पप्पू यादव की पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात को भी लोकसभा चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है। शरद यादव जदयू छोड़कर राजद के करीब चले गए हैं। ऐसे में पप्पू यादव मधेपुरा से एनडीए से चुनाव मैदान में उतरते हैं तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
आपको बताते चलें कि पिछले लोकसभा चुनाव में NDA में BJP के अलावा और दो घटक दल थे सीटों के लिहाज से देखा जाए तो बीजेपी सर्वाधिक 30 सीटों पर चुनाव लड़ी थी वही लोजपा के खाते में 7 सीटें गई थी और दूसरे घटक दल रालोसपा के खाते में तीन सीटें गई थी.
बीजेपी ने सर्वाधिक 22 सीटों पर विजय प्राप्त की थी वहीं लोजपा ने 7 में से 6 सीटों पर विजय पताका फहराया था वही रालोसपा ने तो 100 फ़ीसदी परिणाम देते हुए तीनों सीट विजय प्राप्त की थी विजय प्राप्त की थी. जेडीयू के एनडीए में शामिल होने से BJP के लिए एनडीए में सीटों का समीकरण बैठा पाना मुश्किल दिख रहा है.
एनडीए के घटक दलों को लेकर समय-समय पर अफवाहें उड़ती रही है कि वह बीजेपी के साथ से नाखुश है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि bjp NDA के घटक दलों के साथ बिहार में सीटों के किस समीकरण के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी…?????