अन्ना ने फिर फुका बिगुल आज करंगे आंदोलन रामलीला मैदान में।

    सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे एक बार फिर से आज रामलीला मैदान में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. वर्ष 2011 में भ्रष्टाचार की जांच के लिए लोकपाल के गठन की मांग को लेकर वह इसी मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे. इस बार
    अगुवाई वाली भाजपा सरकार पर निशाना साधेंगे
    उनका ये आंदोलन किसानों के पक्ष में होगा।
    देश के कोने-कोने से किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन और देश के कई अन्य किसान मजदूर संगठनों ने भी आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। ऐसे में रामलीला मैदान में भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। मैदान के आसपास से गुजरने वाले ट्रैफिक पर भी खासा असर पड़ रहा है। अगर भीड़ ज्यादा बढ़ी तो ट्रैफिक डायवर्ट भी किया जा सकता है। इससे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन जाने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। रामलीला मैदान के आसपास बड़ी तादाद में ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया जा रहा है। पार्किंग भी बढ़ाई गई है।

    ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, अन्ना सुबह पहले राजघाट जाएंगे। वहां से फिरोजशाह कोटला से सटे शहीदी पार्क तक मार्च होगा। इसके बाद वह रामलीला मैदान पहुंचेंगे। अन्ना के साथ बड़ी तादाद में लोग होंगे
    दोपहर 12 बजे के करीब रामलीला मैदान पहुंचकर आंदोलन शुरू करेंगे.
    दिल्ली यातायात पुलिस ने परामर्श जारी कर लोगों को अरुणा आसफ अली रोड, दिल्ली गेट, दरियागंज, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, अजमेरी गेट, पहाड़गंज, आईटीओ, राजघाट, मिंटो रोड, विवेकानन्द मार्ग, जेएलएन मार्ग इत्यादि की ओर जाने से बचने को कहा है.

    ” साधा मोदी पर भी निशाना ” कहा अहंकार है उन्हें।

    हजारे ने 16 मार्च को एक प्रेस वार्ता में कहा, “मैंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को चार महीने में 16 पत्र लिखे हैं, लेकिन मुझे अब तक कोई जवाब नहीं मिला है.” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर जवाब नहीं मिलने पर किए गए सवाल पर हजारे ने कहा, “या तो उनको समय नही हैं क्योंकि उनके पास बहुत काम हैं और वह विदेशी दौरे में बहुत ज्यादा व्यस्त हैं या उन्हें अहंकार है.” हजारे ने कहा कि प्रदर्शन में कई महत्वपूर्ण मसलों में किसानों के मुद्दे भी होंगे. उन्होंने कृषि उत्पादों की कीमतें निर्धारित करने के लिए स्वायत्त आयोग की मांग की है. सामाजिक कार्यकर्ता हजारे ने कहा था कि अगर सरकार मुझे अनुमति नहीं देती है और विरोध जताने की जगह प्रदान नहीं करती है तो भी मैं जेल में सत्याग्रह करने को तैयार हूं. जेल मेरे लिए नई जगह नहीं है. इससे पहले 2011 में भी मैंने ऐसा ही किया था.
    हजारे ने कहा कि सरकार जानबूझकर बाधा उत्पन्न कर रही है, लेकिन इससे प्रदर्शन नहीं रुक पाएगा. उन्होंने रामलीला मैदान में प्रदर्शन करने की योजना बनाई है, जहां उन्होंने 2011 में भ्रष्टाचार के विरोध में भूख हड़ताल की थी. उनहोंने कहा कि प्रस्तावित विरोध-प्रदर्शन 2011 से भी बड़ा होगा।
    हजारे ने कहा कि चार साल पहले जनता के दबाव में लोकपाल सहित 7 कानून पास हुए. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार एक तरफ तो भ्रष्टाचार खत्म करने का प्रचार करती है. दूसरी तरफ भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों व नेताओं के लिए कानून कमजोर किए जा रहे है.
    उन्होंने आरोप लगाया कि आज बिना चर्चा के लोकसभा एवं राज्यसभा में लोकपाल को कमजोर करने के विध पास हो रहे हैं. कहा आज केन्द्र सरकार जिस दिशा में जा रही है उससे लोकतंत्र की बजाय हुकुमतंत्र को बढावा मिल रहा है. केन्द्र सरकार आश्वासन ज्यादा देती है और काम कम करती है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के खाने व दिखाने के दांत अलग-अलग हैं।

    आंदोलन में शामिल होने वालों से लेंगे हलफनामा भविष्य में राजनीति में नही शामिल होने का…..

    अन्ना हजारे ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा और कहा कि वह अपने नए आंदोलन में शामिल होने वालों से हलफनामा पर हस्ताक्षर करवाएंगे कि वे राजनीति में शामिल नहीं होंगे. हजारे ने कहा कि उन्होंने अगर केजरीवाल से इस तरह के किसी हलफनामे पर हस्ताक्षर ले लिया होता तो वह मुख्यमंत्री नहीं बनते. उन्होंने कहा कि वह देश में बढ़ रहे कृषि संकट को लेकर 23 मार्च को एक रैली निकालेंगे. उन्होंने दावा किया कि पिछले 22 वर्षों में देश में 12 लाख से अधिक किसानों ने खुदकुशी की है।

    आशीष श्रीवास्तव की विशेष रिपोर्ट

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