बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने राजभर में 1 अप्रैल से बिजली की कीमतों में 5% की वृद्धि का फैसला सुनाया है जबकि बड़े उद्योगों में कीमतों में वृद्धि 9.92 प्रतिशत है. विद्युत आयोग के इस फैसले के बाद राज्य सरकार ने बिजली दरों की समीक्षा तथा अनुदान की राशि बढ़ाने की बात कही है.
आगामी वित्तीय वर्ष 2018 से 2019 की नई बिजली दर का दिन है बुधवार को आयोग के अध्यक्ष SK नेगी सदस्य राजीव अमित सेवा आर के चौधरी ने संयुक्त रूप में सार्वजनिक किया.आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि राजस्व नुकसान को कम करने के लिए कंपनी की तरफ से 44% बिजली दर वृद्धि का प्रस्ताव आयोग के पास आया था जिसे आयोग ने बड़े उद्योग को छोड़कर बाकी श्रेणी के उपभोक्ताओं को मात्र 5 फ़ीसदी बिजली दर वृद्धि का निर्णय लिया है.
अध्यक्ष ने साफ कहा कि राज्य सरकार चाहे तो अनुदान देकर आयोग की ओर से निर्धारित बिजली दर के अतिरिक्त बोझ को कम कर सकती है .
अध्यक्ष ने वृद्धि के तर्क में कहा कि राज्य सरकार की ओर से इस साल के अंत तक सभी को बिजली बिजली कनेक्शन देने की घोषणा की योजना के कारण बिजली नेटवर्क विस्तार में कंपनियों का खर्च बहुत अधिक बढ़ गया है जिसके कारण बिजली की दरों में वृद्धि आवश्यक हो गई थी.
साथी अध्यक्ष ने बिहार के दोनों बिजली डिस्ट्रीब्यूटर कंपनियों को अप्रैल 2017 से मार्च 2019 के बीच कुल 36 लाख 19 हजार 683 नए उपभोक्ता बनाने का लक्ष्य दिया है.आपको बताते चलें कि पिछले साल भी आयोग ने बिहार में बिजली दरों में 55 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की थी जिसके बाद राज्य सरकार ने 35 फ़ीसदी अनुदान देने की घोषणा की थी इसके बावजूद बिहार के लोगों को 20% महंगी बिजली का झटका लगा था.