news delhi:Mithilanchalnewsवर्तमान, भूतकाल का और भविष्य वर्तमानकाल का परिणाम होता है. समय के साथ साथ प्रत्येक व्यक्ति की जरूरते बदलती रहती है, हर व्यक्ति की जरूरते अलग-अलग होती है, प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कुछ न कुछ उद्देश्य होता है,उसे प्राप्त करने की चाहत होती है लेकिन हर किसी का सामर्थ हमेशा नहीं होता.अगर हम आज अपनी जरूरत आर्थिक कमी के कारन पूरा नहीं कर पा रहे है तो यह इस बात का धोतक है की कहीं न कहीं भूतकाल की हमारी योजना में कुछ न कुछ कमी रही है.
यह बात गौर करने की है जिस उद्देश्य की पूर्ति आज कम पैसे खर्च कर के की जा सकती है उसे उतने ही पैसे खर्च कर दस वर्ष पाश्चत्य नहीं किया जा सकता इसलिए उद्देश्य निर्धारण कर क्रंवध तरीके से प्राप्त करने की योजना निर्धारित कर उसे कार्यान्वित करना जरूरी है.
प्रत्येक व्यक्ति के पास जरूरत ज्यादा और अर्थ कम होता है और हमसभी उस जरूरत को पूरा करने हेतु ज्यादा से ज्यादा अर्थ अर्जित करना चाहते है, कही न कही इस भाग दौर में यह भूल जाते है की जितना ही जरूरी है अर्थ अर्जित करना उतना ही जरूरी है भविष्य के लिए अर्थ संचित करना जो हमारी भविष्य की जरूरतों को पूरा कर सके. समय के साथ साथ अर्थ की क्रय शक्ति महगाई दर के कारन कम होती जाती है. इसलिए यह अवश्यक है की हम अपने धन को ऐसे उत्पादो में निवेश करे जो कम से कम महगाई दर से अधिक लाभ दे सके. साथ ही यह भी जानना जरूरी है की निवेश में जोखिम कितना है, हमारे द्वारे जमा किया राशी हमारी भविष्य की जरूरतों को पूरा करने हेतु पर्याप्त है या नहीं.
इसलिए लक्ष्य तय करे ,योजना बनाये,क्रियान्वित करे और खुश रहें.
written by :Bimal Chandra Jha
SEBI Registered Investment Adviser.
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