वेलेंटाइन डे !

    (रेशमा ख़ातून/मिथिलांचलन्यूज़ डेस्क): सेंट वेलेंटाइन के नाम के नाम पर रखे गए इस दिन को दुनिया भर में लगभग सभी लोग मनाते हैं !

    एक दुसरे को पसंद करने वाले जोड़े , पति-पत्नी इस दिन को कुछ ख़ास अंदाज़ में मनाना पसंद करते हैं !कई लोग इस दिन अपने माता-पिता , भाई-बंधु और बहनें एक दुसरे को ये कहकर गिफ़्ट देते हैं कि आप मुझे सबसे प्यारे हो !
    सच है प्यार तो प्यार ही है , दिल से निकलने वाली एक तरंग , एक दुआ और एक अनोखा एहसास इसमें पाया जाता है !

    पर यही एहसास एक बद्नुमा दाग़ बन कर रह जाता जब कोई जोड़ा बिना जीवन की चुनौतियों को समझे अपना आत्म सम्मान छोड़ कर शारीरिक संबंध बना लेते हैं और जब उनमें से एक इस रिलेश्न को गम्भीरता से ले तथा दूसरा इसे आधुनिक समय में किया गया टाइम पास का नाम दे तो फ़िर वहां से शुरुआत होती है बदला लेने की भावना की या स्वंय को ही समाप्त कर देने की इच्छा का !
    पर कुछ लोग बड़े ही समझदार होते हैं , उनकी एक बनी बनाई नीति होती है ” तू नहीं तो कोई और सही और नहीं तो और सही “! ना वह किसी से बदला लेते हैं और ना ही आत्महत्या करते हैं ! हाँ ये बात और है कि वो ” और ” के चक्कर में जीवन भर फंसे रह जाते हैं और जीवन के अंत में घर परिवार उनके पास कुछ भी नहीं होता !



    सेंट वेलेंटाइन ने सच्चा प्यार करने वालों को एक करने के लिए उनका विवाह करा कर राजसी हुक्म की अवहेलना की थी जिसकी सज़ा में उन्हें फांसी पर लटका कर मौत दी गई !
    सही बात तो ये है कि वेलेंटाइन डे प्यार का दिन नहीं बल्कि दो प्यार करने वालों की शादी का दिन है !
    तो अगर कोई सेंट वेलेंटाइन की याद में इस दिन को मनाना ही चाहता है तो उसे अपने सच्चे प्यार के साथ १४ फ़रवरी के दिन शादी करनी चाहिए ना कि बनावटी पन से भरे बाज़ारवाद की तस्वीर बन कर तोहफ़ों , अशलील नाच-गानों से दुनिया के सबसे खुबसूरत संबंध को मात्र शारीरिक संबंध का नाम देकर कलंकित करे !

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