हमारा नया साल 1 जनवरी को नही..क्यों फैला रहे हो उन्माद !

    अगर नही तो बदल लो इतिहास की तारीख, अपने जन्मदिन को विक्रम संवत के हिसाब से जरा बताओ तो तब मुँह से एक शब्द न निकले इन लोगो से,, बस मैसेज फारवर्ड करना आता है भेड़ियों जैसे झुंड के साथ चलना आता है। ​संविधान की अनुच्छेद 21 ‘a’ उन्हें इस बात की आजादी देता है की वो भी अपनी बात रखे बस इसी चीज़ को वैमनस्य फैलाने में इस्तेमाल करते है कुछ  अंधभक्त। उनके दिमाग मे जय श्री राम भाइयों.. जय हिन्द.. हम सनातनी हिन्दू है यह सब चीज़े भरी होती है जो हिटलर के सैनिकों में देखने को मिली थी सर्वोत्तम बने रहने की चाहत और ज्यूइश के साथ क्रूरता,वही आज इन अंधभक्तो में देखने को मिल जाती है.. कही कही से कभी कभार इनकी क्रूरता की खबरे भी वायरल होती रहती है।





    । ये बुद्धिहीन न किसी धर्म को जानते है न इंसानियत को अगर जानते तो दूसरे धर्मों  के लोगो की भी इज़्ज़त करते.. उन लोगो से बात करने पर वो ये लॉजिक देते है की औरगंजेब  सबको धर्म परिवर्तन करा देना चाहता था, ये 15 वी सदी की बात है उस हिसाब से तो आज सब इस्लाम धर्म के मानने वाले ही होते पर ये हवाई बाते उनके दिमाग मे जहर की तरह भरी गयी है,, उन्हें ये नही दिखता की जिस तरह भाजपा हिंदुत्व का ठेकेदार बन कर 2014 में पूर्ण बहुमत को हासिल किया है वो 2019 में नही हो पायेगा। क्योंकि आज देश का युवा बेरोजगार है, आक्रोश में है हर साल 2 करोड़ युवाओ को रोजगार देने का वादा कर वर्तमान सरकार सरकारी क्षेत्र के रोजगार ही समाप्त करती जा रही है, जहाँ हिन्दू ज्यादा वहाँ हिंदुत्व वादी विचार धारा वाले भाषण और बाकी जगह जैसा देश वैसा भेष ये नही चलेगा अब,, जनता मॉफ नही करेगी।  

     

    उधव कृष्ण

     

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