गुजरात में विज्ञापन छापने पर लगी 2 दिनों की रोक.. पढ़े पूरी खबर…

    गुजरात में चुनाव प्रचार अपने चरम पर है, पहले चरण की वोटिंग को अब चंद ही दिन बचे हैं। ऐसे में निर्वाचन आयोग ने सभी उम्मीदवारों, राजनीतिक दलों को निर्देश दिए हैं कि गुजरात में 8 व 9 दिसंबर को उसकी मंजूरी के बिना किसी भी समाचार पत्र में कोई विज्ञापन प्रकाशित नहीं किया जाएगा।

    साल 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा विवादास्पद विज्ञापन प्रकाशित कराने के बाद आयोग ने यह नीति अपनाई है।

    गुजरात के मुख्य चुनाव अधिकारी की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि पूर्व में ऐसा देखा गया है कि अपमानजनक और भ्रामक प्रकृति के विज्ञापन जारी किए गए हैं। मतदान के अंतिम चरण में इस तरह के विज्ञापन चुनाव को हानि पहुंचाते हैं। ऐसे मामलों में प्रभावित उम्मीदवारों या पार्टियों को स्पष्टीकरण या खंडन करने का कोई मौका नहीं मिलता है।

    ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो इसलिए कोई भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार या अन्य कोई संगठन 8 व 9 दिसंबर को बिना उसकी मंजूरी लिए किसी भी विज्ञापन का प्रकाशन नहीं कराएगा। आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के विज्ञापनों को प्रकाशन से पहले मंजूरी देने वाली अपनी प्रदेश और जिलास्तरीय समितियों को इस बारे में निर्धारित प्रक्रिया का सजगता से पालन करने को कहा है।

    गुजरात में 9 दिसंबर को पहले चरण का चुनाव है। इस दिन 89 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होने हैं, जबकि दूसरे चरण में 14 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। 18 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश के साथ ही गुजरात चुनावों के नतीजे आएंगे।

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