मुजफ्फरपुर :स्कूलों में चलाए जा रहे प्री-मैट्रिक छात्रवृति योजना की राशि स्कूलों में पहुंचने से पहले ही बड़ा खुलासा हुआ है। योजना का लाभ देने को जब शिक्षा विभाग से डिमांड मांगा गया, तो दो अलग-अलग रिपोर्ट में लगभग 12 हजार बच्चों का अंतर उजागर हुआ। जिला कल्याण पदाधिकारी ने घपले की आशंका जताते हुए डीईओ को दोनों रिपोर्ट भेज कर जांच करने को कहा है।
जिले में स्कूलों में बीईओ की ओर से भेजे मांग पत्र और एसएसए के यू-डायस के आंकड़े में उक्त 12 हजार छात्र-छात्राओं की संख्या का फर्क मिला। उन्होंने इस संबंध में अपर समाहर्ता को भी जानकारी दे दी है। बीईओ ने प्री-मैट्रिक छात्रवृति को लेकर स्कूलवार रिपोर्ट सौंपी थी। साथ ही मिडिल और प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टरों ने स्कूलवार छात्र-छात्राअों की जानकारी यू-डायस प्रपत्र में भर कर सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) विभाग में जमा कराया था। इन्हीं दोनों में उक्त अंतर पाया गया है। जिला कल्याण पदाधिकारी ने डीईओ कामेश्वर कामती को पत्र भेज कर बीईओ की रिपोर्ट और यू-डायस फॉर्मैट के आंकड़ों का मिलान और मामले की जांच करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि प्रखंड स्तरीय कल्याण पदाधिकारी ने दोनों आंकड़ों का मिलान किया, तो अंतर पाया गया। अब डीईओ की जांच के बाद मामले का पूरा खुलासा हो पाएगा।
मामले की जांच कराई जाएगी
^मामलेकी जानकारी फिलहाल नहीं मिली है। इस बारे में मालूम किया जाएगा, आखिर मामला क्या है। पत्र मिलने के बाद मामले की छानबीन कराई जाएगी। कामेश्वरकामती, जिला शिक्षा पदाधिकारी