मुजफ्फरपुर : कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को द्वारिका नाथ स्कूल में मैटिक की उत्तरपुस्तिकाओं की जांच शुरू हुई। केंद्र पर जिला शिक्षा पदाधिकारी कामेश्वर कामती व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) मुस्तैद थे। 40 से अधिक शिक्षक मूल्यांकन कर रहे हैं। शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों की मेहनत से शुक्रवार से पांच मूल्यांकन केंद्रों में एक द्वारिकानाथ उच्च विद्यालय में काम शुरू हुआ था। निजी स्कूलों के शिक्षकों का सहयोग मूल्यांकन कार्य में लेना शुरू किया गया था। पहले दिन गणित की उत्तरपुस्तिकाएं जांच के लिए खुलवाई गई थी। लेकिन, हड़ताली शिक्षकों द्वारा शाम को मूल्यांकन के बाद घर लौट रहे शिक्षकों को खदेड़ कर पीटा गया था। इससे निजी स्कूलों के शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त हो गया। वे शनिवार को मूल्यांकन करने नहीं आए। स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों ने किया मूल्यांकन: शिक्षा विभाग ने वैकल्पिक व्यवस्था में ऐसे शिक्षक जो स्नातक के साथ बीएड डिग्री धारक हैं, उन्हें आज मूल्यांकन के लिए योगदान कराया। शनिवार को गणित, विज्ञान व समाज विज्ञान आदि विषयों की उत्तरपुस्तिकाओं की जांच कराई गई। चार मूल्यांकन केंद्रों पर काम ठप: जिले में पांच मूल्यांकन केंद्र बीबी कॉलेजिएट, मारवाड़ी स्कूल , चैपमैन व मुखर्जी सेमिनरी भी मूल्यांकन केंद्र हैं। यहां अभी मूल्यांकन बंद है। समान काम का समान वेतन की मांग को लेकर इन केंद्रों पर शिक्षकों ने कॉपी जांचने का बहिष्कार किया है। डीएम ने वेतन रोका, आक्रोश : हड़ताल तोड़ पाने में नाकाम होने के कारण डीएम ने शिक्षा विभाग अधिकारियों एवं कर्मियों का वेतन रोक दिया है। इस संबंध में जिला कोषागार पदाधिकारी को आदेश जारी हो गया है। इसे लेकर विभागीय कर्मियों में रोष है। उनका कहना है कि हम लोगों ने तो रात दिन एक कर मूल्यांकन कराने का हर संभव प्रयास किया। शिक्षकों का बहिष्कार तो वे रोक नहीं सकते हैं। ये तो प्रशासन के स्तर पर ही संभव है। शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी की निंदा: वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के संयुक्त तत्वावधान में उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन का बहिष्कार जारी रहा। शनिवार को चल रहे धरने को संबोधित करते हुए महासचिव प्रो. नरेंद्र कुमार सिंह ने सरकार की आलोचना की। कहा कि सत्याग्रही शिक्षकों के खिलाफ लाठीचार्ज एवं प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश निंदनीय है। प्रवक्ता अनिल कुमार सिंह, अध्यक्ष प्रो. रामविनोद शर्मा, प्रो. विनोद चौधरी व प्रभात कुमार ने कहा कि जब तक सम्मानजनक समझौता नहीं होगा, तब तक आंदोलन चलता रहेगा।